12 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में होगा ब्लैक फंगस का इलाज

12 dedicated Covid hospital will be treated for black fungus

12 dedicated Covid hospital will be treated for black fungus

देहरादून। 12 dedicated Covid hospital will be treated for black fungus उत्तराखंड में ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) रोग का सामना कर रहे रोगियों का इलाज राज्य में संचालित 12 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल (डीसीएच) में होगा। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने मंगलवार को इन अस्पतालों के सभी चिकित्सा अधीक्षकों को उपचार की तत्काल व्यवस्था करने के आदेश दिए हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के मुताबिक देहरादून, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले में ब्लैक फंगस मरीजों की संख्या 118 हो गई है। वहीं, प्रदेश में अब तक नौ मरीजों की मौत हुई है। अब तक केवल पांच लोग ही उपचार के बाद घर लौट सके हैं।

कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस अब लोगों के लिए परेशानियां खड़ी कर रहा है। चिकित्सकों के अनुसार ब्लैक फंगस भले ही पैर पसार रहा हो, लेकिन घबराने की बात नहीं है। रोगी को छूने अथवा उसके संपर्क में आने से यह नहीं फैलता है।

म्यूकोरमाइकोसिस एक प्रकार का फफूंद संक्रमण है। जो सामान्यतः कम ही देखने को मिलता है। यह बीमारी मुख्यतः नाक और साइनेस, आंख, फेफड़े, आंत और त्वचा आदि अंगों को प्रभावित करती है।

तेज सिरदर्द, नाक बंद होना, नाक से खून, काले रंग की पपडी आना-नाक के आसपास कालापन, मुंह में काला चकता, आंखों से दो-दो दिखाई देना ब्लैक फंगस के प्रमुख लक्षण हैं। इसका उपचार तीन चरणों में होता है।

पहले शुगर लेवल कंट्रोल और मरीज को एंटीफंगल दवा दी जाती है। पहले चरण में यह मुख्यत डायबिटिज के मरीजों को हो रहा है। जिसे शुगर लेवल नियंत्रित करना जरूरी है। जिसे मेडिसिन विशेषज्ञ की देख रेख में किया जाता है। दूसरे चरण में एंटीफंगल दवा एमफोरटेरिसिन-बी तीन सप्ताह तक दी जाती है।

गुर्दे पर प्रभाव न पड़े इसके लिए समय समय पर अस्पताल जाना जरूरी है। तीसरा चरण अति आवश्यक चरण ऑपरेशन है। मरीज के काले पड़े अंग को सर्जरी से निकाला जाता है। समय पर उपचार नहीं मिलने से मरीज की मृत्यु संभावना बढ़ जाती है।

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