नशे से दूर रह कर राष्ट्र निर्माण में योगदान दे युवा : ललित जोशी

Youth should contribute in nation building
प्रेस वार्ता के दौरान मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्ट्राचार निवारक समिति के पदाधिकारी।

Youth should contribute in nation building

युवा पीढ़ी को नशे से बचाने के लिए पूरे समाज को लेनी होगी जिम्मेदारी
युवा पीढ़ी ही राष्ट्र निर्माण की रीढ़ की हड्डी

देहरादून। Youth should contribute in nation building मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्ट्राचार निवारक समिति देहरादून, उत्तराखण्ड़ द्वारा देहरादून स्थित एक निजी होटल में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया, प्रेस वार्ता में समिति द्वारा विगत 15 वर्षों से नशे के खिलाफ किए जा रहे कार्यों को लेकर जानकारी दी गई।

प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए मानवाधिकार संरक्षण एवं भ्रष्ट्राचार निवारक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने बताया कि युवा संवाद कार्यक्रम के जरिए वह विगत 15 से अधिक वर्षों से नशा उन्मूलन को लेकर प्रयासरत हैं, 2005 में हल्द्वानी से उन्होंने इस अभियान शुरूआत की थी, और अब तक लाखों युवाओं को नशे के खिलाफ जागरूक कर चुके हैं।

आगे भी उनका यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में वह प्रदेश भर के सभी जनपदों में 50 से अधिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं से संवाद कर लौटे हैं, जनवरी माह में उन्होंने 2023 के प्रथम चरण की शुरूआत ऋषिकेश, देहरादून से करते हुए टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली गढ़वाल, बागेश्वर कपकोट, पिथौरागढ़, मुनस्यारी, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, अल्मोड़ा हरिद्वार में 40 हजार से अधिक युवाओं से सीधा संवाद कर नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई।

इस दौरान उन्होंने बताया कि अब तक युवा संवाद के जरिए सजग इंडिया के माध्यम से “राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका, युवाओं की दशा और दिशा, आतंक का हथियार नशा”, विषय पर 1500 से अधिक स्कूलों में 7 लाख छात्र-छात्राओं को युवा संवाद कार्यक्रम से जोड़ा, इस कार्यक्रम को सजग इंडिया यू-ट्यूब पर 60 मिलियन से अधिक लोग देख चुके हैं, जबकि देशभर से 2 लाख 35 हजार लोग इस मुहिम के सदस्य बन चुके हैं।

नशा आतंक का एक हथियार बन चुका है : Lalit Joshi

एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने कहा कि पूरा विश्व आज भारत को युवाओं के देश के रूप में देखता है लेकिन देश एवं प्रदेश की अधिकांश युवा पीढ़ी जाने अनजाने में नशे के गिरफ्त में जा रहे हैं, और आज नशा आतंक का एक हथियार बन चुका है।

नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार आतंकवादी, अलगाववादी संगठनों को नशे के कारोबार से सबसे ज्यादा फंडिंग होती है। इसलिए कुछ संगठनों द्वारा देश एवं प्रदेश की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने हेतु नशे के जाल में फंसाया जा रहा है, जिसमें उत्तराखण्ड़ के युवा भी अब पीछे नहीं हैं।

आज स्मैक एवं अन्य नशीले पदार्थ उत्तराखण्ड़ के गांव-गांव तक अपना पैर पसार चुके हैं। अतरू हम सबका कर्तव्य होगा कि पुलिस- प्रशासन के साथ मिलकर नशे के खिलाफ इस जंग में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें एवं व्यसनमुक्त समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी निभाएं।

आईपीएस मणिकांत मिश्रा कमांडेट एस.डी.आर.एफ. उत्तराखण्ड, ने नशे के खिलाफ प्रदेश में किए गए कार्यों को साझा करते हुए अपने बागेश्वर और उत्तरकाशी जनपद के अनुभव साझा किए|

उन्होंने एडवोकेट ललित जोशी के प्रयास को सराहते हुए कहा कि हमें स्कूली बच्चों को ही सुधारना है, और ललित मोहन जोशी इस कार्य को बखूबी निभा रहे हैं, क्योंकि 15 से 25 साल के युवा सुधर गए तो वह दूसरों को भी सुधार सकते हैं, लेकिन 35 साल के युवा को समझाकर नहीं बल्कि सजा देकर ही सुधारा जा सकता है।

आधुनिकता की होड़ में युवकों के साथ युवतियां भी नशा कर रहीं हैं

गिरधर सिंह धर्मशक्तू (सेवानिवृत्त) जिला जज देहरादून, सदस्य राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बच्चों में नशे की लत लगना एक गंभीर समस्या है, आज आधुनिकता की होड़ में युवकों के साथ युवतियां भी नशा कर रहीं हैं।

युवाओं को इससे बचाने के लिए सबसे बड़ा उपाय जन-जागरूकता है, केवल एक ललित जोशी नहीं बल्कि पूरे समाज को इसके प्रयास करने होंगे। वहीं  लेफ्टिनेंट कर्नल करूणा थपलियाल (सेवानिवृत्त) इंस्ट्रक्टर आईएमए देहरादून, इंस्ट्रक्टर ओटीए चेन्नई ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि एडवोकेट ललित मोहन जोशी द्वारा युवाओं के बीच नशे के खिलाफ जो जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है वह एक सराहनीय प्रयास है, हमारे शासन-प्रशासन को भी इस तरह की पहल को सहयोग करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि शासन को अपनी आय बढ़ाने के लिए नशे के उत्पादों के बजाय शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देना चाहिए। हमें टोको और रोको की रणनीति के साथ आगे बढ़ना होगा, नशा करने वाले व नशा बेचने वाले को भी टोकना होगा।

प्रेसवार्ता में जी. सी. पंचोली संयुक्त निदेशक विधि देहरादून, जी. पी. रतूड़ी जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देहरादून, मेजर ललित सामंत (सेवानिवृत्त), पवन शर्मा निदेशक कैलाश हॉस्पिटल, डॉ. महेश कुडियाल चेयरमैन सीएमआई हॉस्पिटल देहरादून, समिति के सदस्य रमेश चन्द्र जोशी, संजय जोशी, मोहित बिष्ट, उमेश जोशी आदि लोग मौजूद रहे।

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