चमोली । जिला स्तरीय उद्योग मित्र समिति की बैठक जिलाधिकारी आशीष जोशी की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में संपन्न हुई। बैठक में स्थानीय उत्पादों को बढावा देने, स्थानीय स्तर पर निर्मित सामान के विपणन हेतु ठोस नीति तैयार करने तथा उद्योग मित्रों की समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। उद्योग मित्र समिति की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित जिला पंचायत अध्यक्षा मुन्नी देवी शाह ने हस्तशिल्प एवं मैन्यूफैक्चरिंग में जिले स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले उद्यमियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
उन्होंने सूक्ष्म, लघु उद्योगों को बढावा देने की बात कहते हुए उद्योग विभाग को सूक्ष्म उद्योगों के संबन्ध में बेरोजगारों को प्रशिक्षित करने का भी सुझाव दिया। जिलाधिकारी ने लघु उद्योगों को बढावा देने के लिए लोगों को स्थानीय उत्पादों के प्रति जागरूक करने की बात कही। उन्होंने अधिक से अधिक सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की स्थापना कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की बात कही। जिससे पहाड़ी क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोका जा सके। पर्यटन, उद्यान, पशुपालन, कृषि, रेशम, मत्स्य, जड़ी बूटी आदि विभागों को विभागीय योजनाओं की जानकारी एवं आवश्यक प्रशिक्षण देकर बेरोजगार युवाओं को रोजगार से जोड़ने को कहा।
उन्होंने नई तकनीकि के आधार पर रोल माॅडल के रूप में उद्यमों को विकसित करने पर जोर दिया। उद्योग मित्र समिति की बैठक में समिति द्वारा उद्यमी विक्रम सिंह, झिंक्वाण आटा चक्की, तेल पिराई कोठियालसैंण को एमएसएमई-2015 के अन्तर्गत 10 प्रतिशत ब्याज प्रतिपूर्ति हेतु सहायता धनराशि 2969 तथा विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति-2008 के अन्तर्गत 75 प्रतिशत विद्युत प्रतिपूर्ति सहायता हेतु मैसर्स फूड फैक्ट्री कालेश्वर, कर्णप्रयाग को 55.751 की धनराशि स्वीकृत की गयी। इस अवसर पर जिला स्तरीय हस्तशिल्प एवं मैन्यूफैक्चरिंग में उत्कृष्ट कार्य करने पर प्रथम, द्वितीय पुरस्कार भी वितरित किये गये। जिला स्तरीय हस्तशिल्प का प्रथम पुरस्कार विरही ग्राम निवासी नर्मदा देवी को 6 हजार रुपये, द्वितीय पुरस्कार ग्राम कोब (परेठी) निवासी प्रेम सती को 4 हजार रुपये तथा मैन्यूफैक्चरिंग में धीरेन्द्र नेगी को प्रथम पुरस्कार के तहत 6 हजार रुपये की धनराशि व प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
महाप्रबन्धक जिला उद्योग केन्द्र एमएस सजवाण ने बताया कि निवेश नीति एमएसएमई-2015 के अन्तर्गत 31 मार्च 2020 तक उद्यमियों को 40 प्रतिशत पूॅजी उपादान दिया जाता है। जिसमें अधिकम धनराशि 40 लाख है। विशेष एकीकृत औद्योगिक प्रोत्साहन नीति 2008 के तहत उद्यमियों को 25 प्रतिशत तक पूॅजी उपादान दिया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 30 लाख तथा 6 प्रतिशत तक ब्याज उपादान दिया जाता है। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद गोस्वामी, सीटीओ वीरेन्द्र कुमार, एलडीएम शिवराज क्षेत्री, जिला पर्यटन विकास अधिकारी एसएस यादव, उद्यान, कृषि एवं अन्य विभागीय अधिकारियों सहित उद्यमी प्रतिनिधि श्री गैरोला तथा उद्योग मित्र उपस्थित थे।