टोकियों। जापान में दिल के आकार के फल ढालने या चैकोर तरबूज उगाने के दिलचस्प अनुभव किए गए हैं और अब ताजा खबर यह है कि वहाँ सफेद स्ट्रॉबेरीयां बहुत मशहूर हो रही हैं लेकिन सोने के भाव से बेची जा रही है।
जापान में कई संस्थान सफेद स्ट्रॉबेरियों की खेती कर रहे हैं लेकिन शैरो होसैकी की स्ट्रॉबेरियां जापान में सबसे प्रसिद्ध और सबसे महंगे दामों में बेची जा रही है। एक स्ट्रॉबेरी की कीमत 10 डॉलर या भारत के लगभग 650 रुपये है। इनमें शैरो होसैकी की स्ट्राबेरी सफेद (सफेद जीवेल) कहा जाता है।
चार साल पहले जापानी बाजार में सफेद स्ट्रॉबेरियां की पहचान हुई थीं और एक और किसान यासोहीटो टेशीमा ने जापानी क्षेत्र सागा में उनकी पैदावार शुरू की थी। यासोहीटो के अनुसार उसने कई साल पहले अलग स्ट्रॉबेरीयों को साथ मिलाकर उनकी मिश्रित वृद्धि शुरू की जिसमें अब सफलता मिली है। इस क्रॉस ब्रीडिंग से बनने वाली सफेद स्ट्रॉबेरियां आमतौर पर लाल स्ट्राबेरी से बड़ी होती हैं।
इसका एक रहस्य है कि इन स्ट्रॉबेरियों को धूप से बचाया जाता है जिससे उन्हें लाल रंग देने वाले रसायन एनथोसाइनन की मात्रा कम हो जाती है। लेकिन इसमें महारत हासिल करने में भी कई बरस लग गए। अभी भी केवल 10 प्रतिशत स्ट्रॉबेरियां सफेद निकलती हैं जबकि शेष पीली और जर्द रंग के होते हैं।
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लेकिन पूरी तरह बढ़ने के बाद धूप में रखने पर इनके रंग लाल नहीं होती। यह दुर्लभ फल हाथों हाथ बेचे जा रहे हैं और एक स्ट्राबेरी कीमत 10 डॉलर और छोटे पैकेट की कीमत 40 डॉलर या 25 हजार रुपये के होते है।