उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन ने आयुर्वेद छात्रों के आंदोलन को दिया समर्थन

Uttarakhand Web Media Association with Ayurveda students
उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के पदाधिकारी आंदोलनरत आयुर्वेद छात्रों को अपना समर्थन पत्र सौंपते हुए।

Uttarakhand Web Media Association with Ayurveda students

देहरादून। Uttarakhand Web Media Association with Ayurveda students उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने 1 महीने से भी अधिक समय से अनशन पर बैठे आयुर्वेद के छात्रों के धरना स्थल पर जाकर उनकी समस्या को बारीकी से समझा और उनके प्रति नैतिक समर्थन देते हुए उनकी हौसला अफजाई की।

अनशनरत छात्रों को वेब मीडिया एसोसिएशन के समर्थन से काफी खुशी हुई। गौरतलब है कि  विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे आयुर्वेद के  छात्रों से ही निजी कॉलेज भारी भरकम फीस ले रहे हैं।

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जज सुधांशु धूलिया ने पिछले साल 9 जुलाई 2018 को सभी निजी कॉलेजों को स्पष्ट आदेश जारी किया था कि 2 सप्ताह के अंदर अंदर सभी बढ़ी हुई फीस वापस कर दी जाए, लेकिन निजी कॉलेजों ने छात्रों को बढ़ी हुई फीस वापस करने के नाम पर चुप्पी साध ली।

हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सभी निजी कॉलेज स्पेशल अपील में गए थे लेकिन वहां भी उनकी अपील खारिज कर दी गई। इसके बाद निजी कॉलेज रिव्यू में चले गए लेकिन हाईकोर्ट ने रिव्यु में भी कोई राहत देने से साफ मना कर दिया।

छात्रों को शिक्षा माफिया के भरोसे छोड़ दिया

इसके बावजूद सरकार ने आयुर्वेद कॉलेजों के छात्रों को शिक्षा माफिया के भरोसे छोड़ दिया। यहां तक कि आयुर्वेद विश्वविद्यालय भी कई बार निजी कॉलेजों को फीस लौटाने के लिए कह चुका है और एक बार उनकी मीटिंग भी बुला चुका है लेकिन इसके बावजूद प्राइवेट कॉलेज मानक से अधिक मिली हुई फीस लौटाने को तैयार नहीं है।

एक माह से भी अधिक समय से छात्र आंदोलन कर रहे हैं। आए दिन तबीयत बिगड़ने पर कोई न कोई छात्र अस्पताल में भर्ती हो रहा है। यहां तक कि सुबह सवेरे तड़के 3रू45 बजे एक छात्र को हालत बिगड़ने के कारण ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराना पड़ा।

किंतु इसके बाद सरकार इनकी सुनने के लिए तैयार नहीं है। एमएचआरडी मिनिस्टर निशंक पोखरियाल का भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से एक कॉलेज है, हिमालयन आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज तथा आयुष मिनिस्टर हरक सिंह रावत जी का भी मेडिकल कॉलेज है, दून इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज|

हाईकोर्ट की बात को भी तवज्जो नहीं दे रहे

बाबा रामदेव का भी एक मेडिकल कॉलेज है, पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं प्राइवेट कॉलेज के एसोसिएशन के अध्यक्ष अश्विनी कंबोज का भी एक मेडिकल कॉलेज है, उत्तरांचल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज।

क्योंकि सभी प्राइवेट कॉलेज या तो रसूखदार लोगों के हैं या फिर सीधे सरकार में शामिल मंत्रियों के हैं। ऐसे में यही माना जा रहा है कि सरकार अपने वरिष्ठ नेताओं के स्कूलों के सामने हाईकोर्ट की बात को भी तवज्जो नहीं दे रही है।

आयुर्वेद कॉलेज के धरने में उत्तराखंड वेब मीडिया एसोसिएशन की ओर से अध्यक्ष शिव प्रसाद सेमवाल, महासचिव आलोक शर्मा, राजेश शर्मा, संजीव पंत, प्रवीण भट्ट, दीपक धीमान, आशीष नेगी, राजकुमार धीमान,रमेश रावत आदि शामिल थे।

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