Uniform civil code will be implemented this month
देहरादून। Uniform civil code will be implemented this month उत्तराखंड में जल्द ही यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) लागू कर दिया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बातचीत में बताया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) इसी महीने यानी जनवरी में ही लागू किया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता नियमावली को मंजूरी मिल चुकी है।
उत्तराखंड कैबिनेट ने 20 जनवरी को इसकी मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की जनता ने यूसीसी के लिए हमें जनादेश दिया है। हम वादा पूरा कर रहे हैं। किसी भी धर्म के लोगों टारगेट नहीं कर रहे है। यूसीसी लागू होने से तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों को परेशानी हो रही है।
सीएम धामी ने संकेत दिया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) इसी महीने के अंत में लागू किया जाएगा। उन्होंने यह तो नहीं बताया कि किस तारीख हो यूसीसी लागू किया जाएगा लेकिन इतना संकेत जरुर दिया कि सरकार गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर यूसीसी लागू करने की घोषणा कर सकती है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उनकी सरकार यूसीसी इसी महीने लागू करने की तैयारी कर रही है। यूसीसी लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनेगा। यूसीसी की गंगा देवभूमि से निकल रही है।
पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम पर्सनल लॉ में दखल नहीं दे रहे हैं। सबके लिए समान व्यवस्था लागू कर रहे हैं। हलाला, बहु विवाह जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति मिलनी चाहिए। यूसीसी में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखा गया है। हम लिव इन रिलेशन में रहने से किसी को मना नहीं कर रहे। माता-पिता को अपने बच्चों की जानकारी होनी चाहिए। इसलिए लिव इन में रहने वालों को अपने माता-पिता से इजाजत लेनी होगी। हमने श्रद्धा-आफताब जैसे केसों की स्टडी की है। प्राइवेसी खत्म करना नहीं, सुरक्षा हमारा उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि का मूल स्वरूप बने रहना चाहिए। सरकारी जमीन पर अतिक्रमण अच्छा नहीं है। कुछ लोगों ने धर्म की आड़ में धार्मिक स्थल, मजार बना दिया। अतिक्रमण से साढ़े 5 हजार एकड़ जमीन मुक्त कराया गया है। उत्तराखंड में मदरसों की जांच के हमने आदेश दिए। बांग्लादेशियों, रोहिंग्या लिंक की जांच के आदेश भी दिए हैं। पहचान छिपाकर रह रहे लोगों के खिलाफ एक्शन होगा।
प्रदेश में सरल व पारदर्शी तरीके से समान नागरिक संहिता लागू हो, इसके लिए वेब पोर्टल व मोबाइल एप तैयार कर लिए गए हैं। अब इनका परीक्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसी माह राज्य में समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की घोषणा कर चुके हैं। उत्तराखंड में सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार समान नागरिक संहिता कानून बना चुकी है।
इसे राष्ट्रपति भवन से स्वीकृति मिल चुकी है। इस कानून के प्रविधानों को लागू करने के लिए नियमावली बनाई जा चुकी है। अब कानून को धरातल पर उतारने के लिए कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए ब्लाक स्तर तक राजस्व, पुलिस, स्थानीय निकाय, कैंट बोर्ड व अभियोजन आदि संबंधित विभागों के कार्मिकों की सूची तैयार हो रही है।
सीएससी एसपीवी सभी अधिकारियों को समान नागरिक संहिता की प्रक्रियाओं को समझने और इन्हें लागू करने का प्रशिक्षण प्रदान करेगी। अधिकारियों और नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए तीन विभाग सहायता केंद्र स्थापित करेंगे। इनफारमेशन टेक्नालाजी डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए) तकनीकी सहयोग के लिए, सीएसएसी एसपीवी प्रशिक्षण के लिए और अभियोजन विभाग सभी हितधारकों को कानूनी सहायता प्रदान करने को इन केंद्रों का संचालन करेंगे।
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