मीसा चयूसीटस। हम कोल्ड ड्रिंक के नुकसान से परिचित हैं लेकिन अब यह भी पता चला है कि कोल्ड ड्रिंक, कृत्रिम मिठास वाले सिरप और यहां तक कि फलों का रस भी मन को प्रभावित कर सकते हैं।
यह अनुसंधान मुक्त मनघम हर्ट स्टडी (एफ एच एस) के तहत किया गया है, जो सर्वेक्षण के अनुसार दैनिक शीतल पेय, फ्रूट जूस और कृत्रिम मिठास वाले सिरप का उपयोग पूरे मस्तिष्क मात्रा में कमी और याददाश्त प्रभावित करने की वजह बन सकता है। इसी टीम ने बताया कि जो लोग डाइट सोडा या चीनी मुक्त शीतल पेय उपयोग उनमें मनोभ्रंश और स्ट्रोक का खतरा उन्हें प्रयोग न करने वाले लोगों की तुलना में तीन गुना तक बढ़ सकता है।
यह भी नोट किया गया है कि शीतल पेय और कृत्रिम मिठास वाले पेय मस्तिष्क मात्रा और एक महत्वपूर्ण हिस्से ‘‘हीपोकेम्पस’’ को भी छोटा कर सकते हैं जो स्मृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बोस्टन विश्वविद्यालय में नीरोलाॅजी विशेषज्ञ का कहना है हमारे अनुसंधान बताती है कि अधिक चीनी वाले पेय का अंधाधुंध उपयोग मस्तिष्क को गंभीर प्रभावित कर सकता है। इसी तरह आहार शीतल पेय भी बहुत हानिकारक प्रभावों सामने आए हैं जिनमें स्ट्रोक (इसकैमक स्ट्रोक) और मनोभ्रंश जैसे खतरों शामिल हैं।
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इसके अलावा कृत्रिम मिठास वाले पेय दिल और कार्यों को प्रभावित कर सकते हैं एवं मस्तिष्क धमनी प्रणाली पर भी बुरे प्रभाव कर सकते हैं। सर्वेक्षण में 30 साल से अधिक उम्र के 4 हजार लोगों को शामिल किया गया व उनसे पेय पदार्थ पीने की आदतों और एमआरआई (मेगनेटिक रीजोनंस इमेजिंग) से उनका दिमाग देखा गया। इसके अलावा याद्दाश्त कुछ टेस्ट भी लिए गए। 10 साल तक शोध करने के बाद पता चला कि 45 साल से अधिक उम्र के प्रतिभागी को स्ट्रोक हुआ जबकि 60 या उससे ज्याद उम्र के लोगों को मनोभ्रंश रोग पैदा हो गया और उन सब लोगों ने कोल्ड ड्रिंक का भरपूर इस्तेमाल किया था। इस अध्ययन से पता चला कि आहार पेय और सॉफ्ट ड्रिंक्स भी मधुमेह और मनोभ्रंश कारण बन सकती हैं।