सरकारी स्कूल में मिला विस्फोटक पदार्थों का जखीरा, हड़कंप

Stockpile of explosives found in government school
स्कूल से बरामद किए गए विस्फोटक।

Stockpile of explosives found in government school

पिथौरागढ़। Stockpile of explosives found in government school जिले के सीमांत क्षेत्र मदकोट के एक सरकारी स्कूल से पुलिस को विस्फोटक पदार्थ का जखीरा बरामद हुआ है। इतने भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ मिलने की सूचना से पूरे जिले में हड़कंप मच गया। पुलिस ने बम निरोधक दस्ते को बुलाकर सभी सामग्री कब्जे में लेकर सुरक्षित स्थान पर रखवा दी है।

इस मामले में दिल्ली की एक कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। मामला राजकीय प्राथमिक विद्यालय झापूली तौमिक का है। मुनस्यारी के थाना प्रभारी मुनव्वर हुसैन को मुखबिर ने सूचना दी थी कि राजकीय प्राथमिक विद्यालय झापूली तौमिक के एक कक्षा में विस्फोटक सामग्री रखा गया है।

इस सूचना पर थाना प्रभारी पुलिस टीम लेकर विद्यालय पहुंचे तो नजारा देखकर पुलिस भी हैरान रह गई। पुलिस को मौके पर विद्यालय के एक कक्ष में जिलेटिन की 31 छड़ें, दो कोडेक्स वायर, दो इलेक्ट्रानिक वायर, एक इलेक्ट्रानिक कनेक्टर बरामद हुए।

सामग्री कक्ष में छुपाकर रखी गई थी। जैसे ही यह विद्यालय में विस्फोटक सामग्री मिलने की सूचना और लोगों तक पहुंची तो क्षेत्र में हड़कंप मच गया। साथ ही पुलिस के बम डिस्पोजल यूनिट को भी सतर्क कर दिया गया है।

चट्टानों को तोड़ने में उपयोग की जाती है

वहीं, पूछताछ में पता चला कि विस्फोटक सामग्री दिल्ली के कीर्तिनगर की अल्फा पैसिफिक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की है। यह कंपनी सीमांत क्षेत्र में निर्माण कार्य कर रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में इस तरह की विस्फोटक सामग्री सड़कों के कटान के लिए चट्टानों को तोड़ने में उपयोग की जाती है।

थाना प्रभारी ने बताया कि कंपनी के कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। कंपनी के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और धारा 286 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर लिया गया है। पुलिस ने स्कूल के कक्ष से जो विस्फोटक बरामद की है, उसका इस्तेमाल चट्टानों को तोड़ने में किया जाता है।

अब सवाल उठ रहा है कि अगर सड़क बना रही ही कंपनी ही इसका इस्तेमाल करती है तो विद्यालय में जहां बच्चे पढ़ाई करते हैं, वहां इन्हें रखने का क्या औचित्य था। इससे बच्चों को खतरा पैदा हो सकता था।

पुलिस के मुताबिक, जिस तरीके से विस्फोटक रखे गए थे, उसे देखकर लग रहा था कि इन्हें छुपाया गया है। ऐसे में सवाल ये भी उठ रहा है कि इन्हें विद्यालय में छुपाया क्यों गया। क्या किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिश तो नहीं रची जा रही।

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