सपा मुस्लिमों को बरगला रही : नसीमुद्दीन

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने समाजवादी पार्टी पर मुस्लिमों को बरगलाने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान नसीमुद्दीन ने कहा कि समाजवादी पार्टी की जब-जब सरकार आयी है तब-तब भाजपा और मजबूत हुई है। हमने भाजपा के साथ मिलकर सरकार जरूर चलाई है लेकिन पार्टी के उसूलों और सिद्धांतों से समझौता नहीं किया।
बसपा ने भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को अपनी सरकार में लागू नहीं होने दिया। उसका असर यह था कि काशी, अयोध्या और मथुरा में कोई नई परंपरा की शुरुआत नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि 1999 में केंद्र में जब भाजपा की सरकार थी तो बीएसपी ने एक वोट से उनकी सरकार गिराकर उन्हें सबक सिखाया था। बसपा की सरकार में भाजपा कमजोर हुई है। इसका सीधा उदाहरण है कि 2009 में लोक सभा चुनाव में भाजपा के 9 सांसद थे। 2014 में सपा सरकार के दौरान 73 सांसद चुनाव जीते। इससे अंदेशा लगाया जा सकता है कि भाजपा को किसने बघया।
बसपा महासचिव ने कहा कि बीजेपी और सपा की अंदरूनी सांठ-गांठ को प्रदेश की जनता देख रही है। इसका जबाव आगामी विधान सभा चुनाव 2017 में देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का जनसंघ भाजपा की मदद से हुआ। मुलायम सिंह 1967 में जब पहली बार जनसंघ की मदद से विधायक बनें। 1077 में जनता पार्टी की सरकार में मुलायम सिंह ने उत्तर प्रदेश में सरकार चलाई थी। इस बारे में सपा को अपने गिरेबान में झांकने की जरुरत है।
उन्होंने सपा पर मुस्लिम वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा सरकार ने साघ्े 4 साल में मुसलमानों से किये गए वादों में से एक भी वादा पूरा नहीं किया है। उन्होंने सीएम अखिलेश से पूछा कि मुसलमानों के आरक्षण की बातें जो घोषणापत्र में कही गईं वो कहां हैं? कहां गया मुसलमानों को जेल से छुघने का वादा? सपा और भाजपा की मिलीभगत से यूपी में अखिलेश सरकार में अब तक छोटे बड़े करीब 400 दंगे हो चुके हैं इसमें सबसे ज्यादा नुकसान मुसलमानों का हुआ है।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगा पीघ्ति जब महीनों टेंट लगाकर काम में रहने को मजबूर हो गए तो समाजवादी सरकार ने बुल्डोजर चलवाकर उनके कैंपों को उखाघ् फेंका। क्या यही मुसलमानों पर आपका एहसान है? क्या इसलिए मुसलमानों ने आपको वोट दिया था? क्या मुसलमान इसलिए आप को वोट दें?
उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ समाजवादी पार्टी को बताना पघ्ेगा कि बाबरी मस्जिद पर पहला फाघ्वा चलाने वाले साक्षी महाराज को किसने और क्यों राजभवन भेजकर सम्मान दिया? समाजवादी पार्टी को यह भी बताना पघ्ेगा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में दोषी ठहराए जाने वाले तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को समाजवादी पार्टी में क्यों शामिल किया? इसके साथ आगरा में समाजवादी पार्टी के सम्मेलन में लाल टोपी किसने और क्यों पहनाई थी?