अब देहरादून में नहीं होगी शराब की कमी , पीने वालो की मौज

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अब देहरादून में नहीं होगी शराब की कमी , पीने वालो की मौज Sharab ke theke

देहरादून। जिले में राज्य सरकार शराब के नए ठेके खोलने जा रही है। अब तक संचालित 80 शराब के ठेकों (Sharab ke theke) के अलावा 34 और नए ठेके खोलने के प्रस्ताव को आबकारी अधिकारियों ने जिला अधिकारी से स्वीकृत कराकर मुख्यालय को भेजा है। मुख्यालय से हरी झंडी मिलते उक्त ठेकों को आगामी दिनों में होने वाली लाटरी प्रकिया में शामिल किया जाएगा।

आबकारी विभाग को इस वर्ष शराब से 437 करोड़ का भारी भरकम राजस्व जमा कराने का लक्ष्य दिया गया है। जबकि बीते वित्त वर्ष में आबकारी विभाग अपने 422 कारोड़ राजस्व लक्ष्य के करीब नहीं पहुंचा पाया था। ऐसे में अब राजस्व टार्गेट पूरा करने के लिए जिला आबकारी विभाग के अधकारियों ने 34 नए ठेके खोलने का प्रस्ताव बनाया है। नए ठेकों में 19 विदेशी शराब और 15 देशी शराब के होंगे।

Sharab ke theke

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नए ठेकों (Sharab ke theke) में सात देहरादून शहर के भीतर जबकि शेष 27 को जिले के अन्य इलाकों में खोला जाएगा। जिला आबकारी अधिकारी मनोज उपाध्याय ने इस प्रस्ताव पर डीएम से स्वीकृत कराकर आबकारी मुख्यालय को भेज दिया है। नए वित्त वर्ष में पुराने ठेकेदारों को एक महीने और संचालन का वक्त देना आबकारी विभाग को महंगा पड़ सकता है।

आबकारी विभाग ( Excise Department ) को राजस्व में बड़ा चूना लगाने में लगे

ठेकेदार खेल कर आबकारी विभाग को राजस्व में बड़ा चूना लगाने में लगे हैं। एक महीने के लिए शराब के ठेकों को पुराने ठेकेदारों को देने का फैसला लिया गया तो, पहली ही जिले के 39 ठेकेदारों ने राजस्व का टार्गेट ज्यादा बताते हुए महीने भर के लिए ठेका संचालन से हाथ खड़े कर दिए। अब ऐसे ठेकेदार संचालक ने टार्गेट से 50 से 70 फीसदी कम राजस्व पर प्रतिदिन के हिसाब से ठेकों का संचालन कर रहे हैं।

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आबकारी सूत्रों की मानें तो ठेकेदारों ने पुराने वर्ष की शराब बिकी हुई दिखाकर उसे अपने स्टॉक में जमा कर लिया। जिसे अब ठेकों पर चोरी से बेच रहे हैं। पुलिस ने रायवाला ठेके पर छापा मारा तो वहां बिना स्टॉक रजिस्टर के शराब की दो हजार पेटियां मिलीं। मंगलवार को आराघर ठेके पर छापा पड़ा तो पुलिस व प्रशासन की टीम ने वहां भी बिना स्टॉक रजिस्टर में दर्ज दो हजार शराब की पेटियां पकड़ीं। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने कहा कि जिस तरह ठेकों पर बड़ी मात्रा में बिना स्टॉक रजिस्टर के शराब मिली, उससे साफ है कि ठेकेदार पुराने स्टॉक दबाकर उसे नए दाम पर बेच रहे हैं।

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