सड़क सुरक्षा में अभियंताओं की भूमिका सबसे अहम

पौड़ी । मंडल मुख्यालय में लोनिवि के अभियंताओं को डिजाइन से लेकर निर्माण तक सड़क सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को वैज्ञानिक तथ्यों व शोधपरक की जानकारी दी। बुधवार को विकास भवन सभागार में यूएसआरआइपी उत्तराखंड स्टेट रोड इनवेस्टमेंट प्रोग्राम के तहत सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस मौके पर मुख्य अभियंता गढ़वाल क्षेत्र लोकेश शर्मा ने कहा कि सड़क सुरक्षा में अभियंताओं की भूमिका सबसे अहम होती है। जिसको लेकर अभियंताओं को गंभीरता दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि अभियंताओं को सड़क के डिजाइन से लेकर निर्माण तक सुरक्षा के मानकों पर बारीकी से ध्यान देना होगा।

शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण में सुरक्षा के प्राथमिक कदम उठाना अभियंता का दायित्व है। जबकि मैदानी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा को लेकर यातायात से जुड़े विभागों को इस ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान दिल्ली के पूर्व विभागाध्यक्ष ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट विभाग डॉ. टीसी रेड्डी ने बताया कि उत्तराखंड में प्रति वर्ष करीब 1500 दुर्घटनाएं होती हैं। जिसमें 800 से अधिक की मौत और 1500 लोग घायल होते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नैनीताल, ऊधमसिंह नगर,

हरिद्वार व देहरादून में 80 प्रतिशत दुर्घटनाएं प्रति वर्ष होने वाले हादसे शामिल होते हैं। जिसमें अनियंत्रित रफ्तार, ओवर लोेडिग, मोबाइल का अधिक प्रयोग, मानकों की अनदेखी मुख्य कारण हैं। डा. रेड्डी ने कहा कि सरकार को गंभीरता से सड़क सुरक्षा को लेकर मंथन करना होगा। उत्तराखंड के मैदान व पहाड़ दोनों क्षेत्रों में दुर्घटनाओं, उसके कारण, सुधार व उससे जुड़े विभागों की जिम्मेदारी तय कर मानक बनाने होंगे। इस अवसर पर अधीक्षण अभियंता पौड़ी बीएन चैधरी, रुद्रप्रयाग ओम प्रकाश, गोपेश्वर जीसी आर्य, ईई प्रांतीय खंड पौड़ी निर्भय सिंह, बैजरों आरपी सिंह, दुगड्डा राजेश चंद्रा, लेंसडौन दिनेश बिजल्वाण, कर्णप्रयाग जेपी रतूड़ी आदि मौजूद थे। सीएम की अध्यक्षता में बने कमेटी सीआरआरआइ के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. टीसी रेड्डी ने कहा कि सरकार को सड़क सुरक्षा पर गंभीरता से विचार कर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करनी चाहिए। इसमे लोनिवि के साथ शिक्षा, परिवहन, स्वास्थ्य मंत्री भी शामिल किए जाने चाहिए।