Revealing samar jahan murder case
देहरादून। Revealing samar jahan murder case सहस्त्रधारा रोड पर विगत सात मई को देर रात समरजहां की हत्या हुई थी। सहस्त्रधारा रोड पर कार सवार बदमाश ने मुजफ्फरनगर के न्याजूपुरा निवासी समरजहां उर्फ रिहाना की तीन गोली मारकर हत्या कर दी थी। समरजहां मुजफ्फरनगर के दवा कारोबारी राकेश कुमार गुप्ता के साथ दून में लिव इन रिलेशन में रहती थी।
गुप्ता अब सहस्त्रधारा रोड स्थित अपने फैमिली रेस्टोरेंट के बराबर में समरजहां के लिए बुटीक सेंटर बनवा रहे थे। रेस्टोरेंट चलाने वाले गुप्ता के बेटे कार्तिक ने समरजहां की हत्या में अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
शुक्रवार को दोपहर बाद पुलिस ने देहरादून के सहस्रधारा में हुए समरजहां उर्फ रिहाना हत्याकांड का खुलासा कर दिया। इस संबंध में एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने आप प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी दी।एसएसपी ने बताया कि मामले मे पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
राकेश गुप्ता, सीमा सिंघल, कार्तिक और मोमिन को गिरफ्तार किया गया है। बताया गया कि 2 लाख रुपए की सुपारी देकर समरजहां की हत्या करवाई गई थी। अवैध संबंधों के चलते समरजहां की हत्या हुई। राकेश गुप्ता के बेटे कार्तिक गुप्ता ने मुजफ्फरनगर के शूटरों से समरजहां की हत्या कराई थी।
गुप्ता परिवार में काफी समय से कड़वाहट चल रही थी
कार्तिक और उसकी मां सीमा ने मिल कर हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने घटना वाली रात हत्या के कारणों का पता लगाने के लिए गुप्ता परिवार पर फोकस कर दिया था। पुलिस को यह जानकारी हो गई थी कि समरजहां से रिश्ते को लेकर गुप्ता परिवार में काफी समय से कड़वाहट चल रही थी।
पुलिस को उम्मीद थी कि हत्या के तार इस परिवार से भी जुड़े हो सकते हैं।प्राथमिक जांच में सच बाहर नहीं आया तो पुलिस ने समरजहां के एक अन्य करीबी की तरफ जांच की दिशा घुमा दी। तीसरे दौर की बातचीत में गुप्ता परिवार के एक शख्स के बयानों में विरोधाभास आया तो पुलिस ने नए सिरे से शिकंजा कस दिया।
वारदात का शिकार महिला पहले पति को तलाक देकर मुजफ्फरनगर के एक दवा कारोबारी राकेश गुप्ता के साथ लिव इन रिलेशन में रह रही थी। कारोबारी 15 दिन पहले ही उसे यहां लेकर आया था। समरजहां खुद भी तलाकशुदा थी। गुप्ता का बेटा कार्तिक सहस्त्रधारा रोड पर पैसेफिक गोल के पास माउंट ग्रिल के नाम से फैमिली रेस्टोरेंट चलाता था।
समरजहां गुप्ता के बेटे के साथ रेस्टोरेंट की देख-रेख करती थी। गुप्ता अब रेस्टोरेंट के बराबर में ही समरजहां के लिए बुटीक सेंटर खुलवा रहा था। जब समरजहां की हत्या हुई तब वह बुटीक की दुकान के काम को देखने के बाद स्कूटी से घर लौट रही थी।