हौसले से खींच रही सफलता की रेखा Rekha Chauhan
दोस्तों हमारी आज की कहानी बहुत जोशीली है जो लडकियों में एक उमंग जगाएगी
हुनर और हौसला हो तो सफलता खुद की कदम चूम लेती है। इसका उदाहरण है उत्तरकाशी जिले के सुदूरवर्ती नागाणा गांव की 19 वर्षीय रेखा चौहान। 2 मीटर दौड़ में विश्व विजेता बनाने का लक्ष्य बनाकर रेखा खेलकूद प्रतियोगिता की तैयारी में जुटी हैं। नागाण गांव जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 98 किलोमीटर दूर नौगांव ब्लॉक में पड़ता है। यहां पहुंचने के लिए ग्रामीणों को 3 किलोमीटर की दूरी पैदल ना अपनी पड़ती है Rekha Chauhan के पिता प्रेम सिंह चौहान गांव में ही खेती-बाड़ी और मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करते हैं।
चार भाई बहनों में रेखा दूसरे नंबर की है। एक बहन और एक भाई उस से छोटे हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने के कारण रेखा ने पांचवी के बाद कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में प्रवेश लिया और आठवीं तक वहीं पढ़ाई की। जबकि नवी से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई उससे उसने आवासीय विद्यालय में रहते हुए इंटर कॉलेज खरादी से की है। पढ़ाई के साथ वह दौड़ स्पर्धाओं में ही हमेशा अव्वल रही थी।
2 साल से रेखा गांव में रहकर प्राइवेट बीए. कर रही है, लेकिन घर की व्यवस्थाओं के चलते उसका फर्राटा दौड़ का अभ्यास छूट गया। इसी बीच नवंबर 2017 में रेखा के रिश्ते के भाई शशि मोहन रावत ने देहरादून से फोन कर उसे बताया कि 12 नवंबर को हरियाणा में रूरल गेम्स फेडरेशन की स्टेट चैंपियनशिप होने जा रही है।
साथ ही उसका संपर्क भारत स्पोर्ट्स एकेडमी रोहतक के कोच प्रवीण सहगल से करवाया। खुशकिस्मती से रेखा को एकेडमी की ओर से प्रतियोगिता की फर्राटा दौड़ में प्रतिभाग करने का मौका मिला और उसने उस में स्वर्णपदक जीत कर ना सिर्फ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया ,बल्कि नेशनल के लिए भी चयनित हुई ऐसी प्रतिभाशाली हैं अपनी रेखा।