Ravan’s effigy will be burnt in Bannu school grounds
देहरादून। Ravan’s effigy will be burnt in Bannu school grounds शहर के बीच परेड ग्राउंड में हर वर्ष दशहरा पर 40 से 60 फीट ऊंचे रावण समेत अन्य के पुतलों का दहन किया जाता है। परेड ग्राउंड में चल रहे निर्माण कार्य के कारण बीते वर्ष अनुमति नहीं मिलने के बाद आयोजक दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी इस वर्ष रेसकोर्स स्थित सनातन धर्म इंटर कालेज (बन्नू) के मैदान में पुतला दहन करेगी।
इस बार तीन पुतलों की जगह सिर्फ 40 फीट ऊंचे रावण और लंका का दहन होगा। देहरादून की बात करें तो मुख्यतः परेड ग्राउंड, कांवली, हिंदू नेशनल स्कूल परिसर, पटेलनगर, झंडा बाजार तालाब, राजपुर, प्रेमनगर में विभिन्न समितियों की ओर से पुतला और लंका दहन किया जाता है।
बीते वर्ष कोरोना के चलते आयोजन नहीं हुए। अब प्रशासन ने गाइडलाइन का पालन करते हुए कुछ छूट प्रदान की है, जिससे आयोजकों में उत्साह है। आयोजन समितियां पुतला बनाने की तैयारियों में जुट गई हैं। दशहरा वाले दिन भव्य पुतले को देखने के लिए अधिक भीड़ न जुटे इसके लिए आयोजकों ने पुतलों का कद छोटा किया है।
दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी के अध्यक्ष संतोख नागपाल का कहना है कि इस बार 74वां पुतला दहन का स्थल परेड ग्राउंड की जगह रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल के मैदान में होगा।
पहले 60 फीट ऊंचे पुतले बनते थे, लेकिन इस बार कोरोना की गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही परंपरा को बनाए रखने के लिए एक ही पुतला रावण का 40 फीट ऊंचा बनेगा, जबकि एक पुतला लंका का होगा।
वहीं, श्री रामलीला कला समिति के अध्यक्ष राकेश स्वरूप महेंदूर का कहना है कि सहारनपुर चौक स्थित तालाब में लंका दहन होता था। जिसकी तैयारी हल्द्वानी के कारीगर दो महीने पहले से शुरू करते थे।
इस बार 153वें वर्ष पर लंका दहन का कार्यक्रम कराना था, लेकिन आयोजन में देहरादून ही नहीं अन्य जिलों के लोग भी इस क्षण को देखने के लिए आतुर रहते हैं। कोरोना में भीड़ न हो इसलिए इस बार आयोजन स्थगित किया है।
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