सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत नहीं देगी भारत सरकार

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि वह सेना द्वारा 29 सितम्बर को नियंत्रण रेखा पार आतंकी शिविरों पर किए गए हमलों के सबूत किसी भी देश, राजनितिक पार्टी अथवा व्यक्ति विशेष के साथ साझा नहीं करेगा। गौरतलब है कि कुछ राजनीतिक दल हमले के सबूत सार्वजनिक करने की बात उठा रहे थे।
मंत्रालय सूत्रों के अनुसार पहले लक्षित हमलों के सबूत साझा करने या न करने पर उहापोह की स्थिति बनी हुई थी, पर अब इस मामले में कोई संशय नहीं। भारत सरकार इन हमलों के सबूत किसी को भी नहीं देगी। सूत्रों ने इस बात से भी इनकार किया कि भारत ने लक्षित हमले करने से पहले इसकी जानकारी अमेरिका को दी थी। सूत्रों ने कहा कि इन हमलों की पूर्व जानकारी केवल राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, जम्मू और कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को ही दी गई थी। इन हमलों में आठ आतंकी शिविर ध्वस्त कर दिए गए थे और इसमें 38 आतंकवादी मारे गए थे। सूत्रों के अनुसार यदि जरूरत पघ्ी तो भारतीय सेना दुबारा भी आतंकियों के शिविरों पर हमला करने में सक्षम है और फिर ऐसा ऑपरेशन करना पहले के मुकाबले आसान ही होगा।
कुछ राजनितिक दलों ने इन लक्षित हमलों पर सवाल घ्घ्े किए थे और सरकार से इसके सबूत सामने रखने को कहा था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल और कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने इनपर सरकार को घेरने की कोशिश की थी और इनके सबूत जनता तथा पाकिस्तान समेत विश्व बिरादरी के साथ साझा करने को कहा था।
निरुपम ने सर्जिकल स्ट्राइक के भारत सरकार और सेना के दावे को फर्जी बताया था। उन्होंने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार सबूत पेश नहीं करती, सर्जिकल स्ट्राइक के दावे फर्जी ही लगेंगे। उन्होंने ट्वीट किया था कि ष्हर भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक चाहता है, लेकिन फर्जी नहीं, जिससे सिर्फ भाजपा को राजनीतिक फायदा पहुंचे।”
श्री केजरीवाल ने वीडियो जारी कर उरी आतंकी हमले तथा भारतीय सेना की सर्जिकल स्ट्राइक पर भी बात की। इस वीडियो में केजरीवाल ने प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति की प्रशंसा करते हुए उन्हें सलाम किया था। केजरीवाल का यह सन्देश भाजपा को हैरान करने वाला था। लोगों को लगा था कि जिस प्रधानमंत्री को केजरीवाल कायर और मनोरोगी तक कह चुके हैं, वह आज उन्हे सलाम क्यों कर रहे हैं? चंद मिनट में वीडियो ट्विटर पर छा गया। कई लोगों ने कहा कि केजरीवाल को पब्लिक ऑपिनियन के सामने झुकना पड़ा और वह प्रधानमंत्री को सलाम करने पर मजबूर हुए।
विरोधियों का कहना है कि इस वीडियो के पीछे की कहानी कुछ और थी। केजरीवाल ने महज सलाम और शहीदों की प्रशंसा तक ही खुद को सीमित नहीं रखा। उन्होंने वीडियो के पहले 40 सेकंड में मोदी को सलाम और प्रशंसा करने में निपटा दिया। इसके बाद दो मिनट उन्होंने पाकिस्तान की गलत नीतियों पर बात की। केजरीवाल ने इसमें पीएम से सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत सामने लाने की मांग की।
इस बीच खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि 250 से ज्यादा आतंकी जम्मू और कश्मीर में मौजूद हैं जो विभिन्न शहरों में हमले करने की फिराक में हैं। इन सबके बीच केंद्र सरकार ने कहा हैं पाकिस्तान से लगी भारत की 2300 किमी लंबी सीमा को 2018  के अंत तक सील कर लिया जाएगा।