विकास को खा जाएगा जनसंख्या वृद्धि का अजगर

Population growth
विकास को खा जाएगा Population growth का अजगर

तेज गति से बढ़ती हुई जनसंख्या ( Population growth ) किसी भी देश की समस्त व्यवस्था को समूल नष्ट कर देने वाला बम है, यदि समय पर ही इसे नियंत्रित ना किया गया तो यह सभी प्रकार की सुख समृद्धि को अपनी लपेट में घेर लेने की क्षमता रखती है। विश्व के अधिकांश विकासशील देश इस समस्या से निरंतर जूझ रहे हैं। लेकिन पूरी तरह से इस पर नियंत्रण पाने में विफल हैं।

जनसंख्या के संबंध में इतिहास के समस्त कालों में किसी न किसी रूप मैं विचार होता आया है लेकिन पिछली शताब्दी के शुरुआती दौर में इस समस्या ने संसार का ध्यान अपनी और विशेष रूप से आकर्षित किया है| इसका श्रेय थॉमस रॉबर्ट माल्थस को जाता है। उन्होंने सबसे पहले जनसंख्या का एक वैज्ञानिक नियम प्रस्तुत करके संसार में एक हलचल पैदा कर दी थी जिसे माल्थस का सिद्धांत कहते हैं।

जनसंख्या का सबसे अधिक गहरा प्रभाव आर्थिक पक्ष पर ही पड़ता है

इस सिद्धांत के अनुसार जनसंख्या में वृद्धि ज्यामितिक अनुपात में और खाद्यान्न के उत्पादन में वृद्धि अंकगणितीय अनुपात में होती है अतः जनसंख्या में असंतुलन होने के कारण जनसंख्या समस्या बन जाती है, वैसे तो जनसंख्या में वृद्धि अनेक समस्याओं को जन्म देती है लेकिन इसका सबसे अधिक गहरा प्रभाव आर्थिक पक्ष पर ही पड़ता है।




हर देश की जनसंख्या का उस देश के आर्थिक विकास से गहरा संबंध होता है। विकसित देशों के तेज आर्थिक विकास के लिए कुछ सीमा तक इन देशों की कुशल परिश्रम और शिक्षित जनसंख्या जिम्मेदार है लेकिन इसके विपरीत भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान आदि देशों के आर्थिक की विकास में इन देशों की अकुशल, अशिक्षित और रूढ़िवादी जनसंख्या बहुत बड़ी बाधा है।

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