लखनऊ। अवैध शराब से होने वाली मौतों को रोकने के लिए उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार ने कैबिनेट की बैठक आयोजित की। इस बैठक में कहा गया कि जहरीली शराब के विक्रय और परिवहन को रोका जाना चाहिए। अवैध शराब के विक्रय को रोकने के लिए, नियमों में सख्ती लाना बेहद आवश्यक है। ऐसे में आबकारी काननू में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाना चाहिए। दोषी को उम्रकैद से लेकर मृत्युदंड तक की सजा दी जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो अवैध शराब के विक्रय पर रोक लगेगी। कैबिनेट बैठक में कहा गया कि सरकार जो बदलाव करने का मन बना रही थी उसके लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह ली गई।
कैबिनेट ने इस मामले में 22 विभिन्न धाराओं पर विधि विभाग की निगरानी में आबकारी विभाग का संशोधन प्रस्ताव तैयार किया था, कैबिनेट ने मंगलवार को इसे स्वीकृति दे दी। कैबिनेट ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि अवैध शराब के परिवहन और विक्रय को रोकने के लिए विभागीय अधिकारियों के अधिकार बढ़ाए जाऐंगे। अधिकारियों को सर्च वाॅरंट और गिरफ्तारी के मामले में अधिकार दिए जाने की बात कही है और कहा है कि, अधिकारी जमानती और गैर जमानती धाराओं के तहत कार्रवाई कर सकेंगे। कहा गया है कि यदि,जहरीली शराब से एक साथ बड़ी तादाद में मौत हो जाती है तो, इसे असाधारण मामला मानते हुए सजा ए मौत का प्रावधान किया गया है।
प्रस्ताव के अनुसार एक्ट की धारा तीन,50 से 55, 60 से 69,सहित 71 और 74,में संशोधन के साथ ही नई धाराएं जोड़ी गई हैं। इस बैठक में शराब तस्करी के मामलों में कारावास की सजा बढ़ाकर एक से तीन वर्ष करने का प्रस्ताव किया गया है। जुर्माने की रकम को दो सौ से बढ़ा कर पांच सौ और पांच सौ से बढ़ा कर दो हजार किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक में राज्य सरकार ने करीब 12 लाख कर्मचारियों को 7 वें वेतन आयोग का एरियर देने की स्वीकृति दे दी है। दूसरी ओर सरकार ने अनुदानित मदरसों में अब आउटसोर्सिंग पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी रखे जाएंगे। कैबिनेट ने 2016 में बनी मदरसों की मान्यता, प्रशासन और सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है।