प्रदेश के विधायकों की पेंशन समाप्त हो

Pension of MLA should be terminated
राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपते जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यकर्ता।
Pension of MLA should be terminated

विकासनगर। जनसंघर्ष मोर्चा कार्यकर्ताओं ने जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष एवं जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी के नेतृत्व में प्रदेश के विधायकों की पेंशन समाप्ति ( Pension of MLA should be terminated ) को लेकर तहसील कार्यालय का घेराव किया।

मोर्चा न इस संबंध में राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी जितेन्द्र कुमार को सौंपा। नेगी ने कहा कि प्रदेश पर लगभग 40 हजार करोड़ से अधिक का कर्ज है तथा ब्याज चुकाने के लिए सरकार कर्ज ले रही है तो ऐसी माली हालत में विधायकों को पेंशन का क्या औचित्य रह जाता है।

हैरानी की बात यह है कि पूर्व विधायकों को वर्ष 2008 में 6 हजार, वर्ष 2010 में 10 हजार, वर्ष 2014 में 20 हजार तथा 2018 में श्री त्रिवेन्द्र की दरियादिल सरकार ने 40 हजार रूपये कर दी है।

इसके साथ-साथ पेंशन मामले में उम्र के हिसाब से अलग-अलग पायदान बनाये गये हैं, जिसमें 65 वर्ष के पश्चात् 5 फीसदी, 70 वर्ष के पश्चात् 10 फीसदी, 75 के पश्चात् 25 फीसदी तथा 80 वर्ष के उपरान्त 50 फीसदी अतिरिक्त पेंशन की व्यवस्था है।

आलम यह है कि गलत नीतियों एवं तुष्टिकरण के चलते आज विधायक समाज सेवक न होकर सरकारी सेवक बन गये हैं, जो कि लोकतान्त्रिक व्यवस्था के लिए घातक है।

उक्त पेंशन से प्रदेश का खजाना खाली हो रहा : Raghunath singh negi

नेगी ने कहा कि प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए (वर्ष 2005) के पश्चात् कोई पेंशन की व्यवस्था नहीं है, सिर्फ अंशदायी पेंशन है, लेकिन इन पूर्व विधायकों (अघोषित सरकारी कर्मचारियों) के लिए जीवन पर्यन्त पेंशन की व्यवस्था है। उक्त पेंशन से प्रदेश का खजाना खाली हो रहा है।

उन्होने कहा कि प्रदेश में हजारों वर्कचार्ज/तदर्थ कर्मचारी 30-35 वर्ष की सेवा करने के उपरान्त भी पेंशन के हकदार नहीं है वहीं विधायक शपथ ग्रहण करते ही पेंशन के हकदार हो जाते हैं। सरकार ने 10 वर्ष में इन विधायकों की पेंशन में लगभग 7 गुना इजाफा किया है।

प्रदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त युवाओं को 10 हजार रू0 की नौकरी नहीं मिल रही तथा ये विधायक रातों-रात मालामाल हो रहे हैं। मोर्चा पूर्व विधायकों की पेंशन समाप्त करके ही दम लेगा।

प्रदर्शन व घेराव में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, डाॅ0 ओपी पंवार, ओम प्रकाश राणा, जयदेव सिंह नेगी, प्रवीण शर्मा पीन्नी, आशीष कुमार, विनोद गोस्वामी, हाजी फरहाद आलम, रहवर अली, मौ0 नसीम, मौ0 इस्लाम, फतेह आलिम, गजपाल रावत, दरबान सिंह, सोम देशप्रेमी, सचिन कुमार, मौ0 अली, दिनेश राणा, अशोक डंडरियाल, गोविन्द सिंह नेगी, इसरार, जयपाल सिंह, सलीम मिर्जा, मदन सिंह, जयकृत नेगी, किशन पासवान आदि शामिल रहे।

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