व्रत व रोजे करते हैं शरीर की ओवरहालिंग

Overhauling the body by fasting

Overhauling the body by fasting

देहरादून। Overhauling the body by fasting व्रत व रोजे शरीर से टॉक्सिन्स निकाल कर शरीर को शुद्ध करते हैैं तथा खराब हुये टिश्युओें को पुनः जीवित करने व अंगों केे सुचारू संचालन मेें योगदान करते हैं। इससे शरीर की ओवरहॉलिंग हो जाती है। 2016 में इससे संबंधित ऑटोफैगी विषय पर रिसर्च के लिये जापानी वैज्ञानिक योशिनोरी ओशुमी को मेडिकल साइंस का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।

इन्होंने अपनी रिसर्च से प्रमाणित किया है कि लम्बी फास्टिंग से हमारा शरीर स्वयं खराब सैल खाकर अपनी उर्जा जरूरतें पूरी कर लेता है जिसके कारण एजिंग की प्रक्रिया मंद पड़ जाती है तथा कैंसर सहित विभिन्न बीमारियों पर नियंत्रण में मदद मिलती है और पेड़ों के समान शरीर भी फिर से हरा भरा व स्वस्थ हो जाता है।

यह जानकारी  प्रतिष्ठित समाज सेवी संस्था मौलाना अबुल कलाम आजाद अल्पसंख्यक कल्याण समिति (माकाक्स) के केन्द्रीय अध्यक्ष तथा 44 कानूनी व जागरूकता पुस्तकोें के लेखक नदीम उद्दीन एडवोकेट द्वारा लिखित पुस्तक सेहत व खुशहाली के लिये नमाज, रोजा व जकात का 2022 संस्करण आम जनता के लिये जारी करते हुये दी।

सभी मुसलमानों के लिये अनिवार्य नमाज व रोजा व खाता-पीतों पर अनिवार्य ज़कात के सांसारिक फायदों की जानकारी आसान हिन्दी में देने वाली नदीम उद्दीन (एडवोेकेट) द्वारा लिखित पुस्तक का नया संस्करण 2022 आम जनता को निःशुल्क डिजिटल उपलब्ध कराया जा रहा है जो मोबाइल, टैब या कम्प्यूटर पर पड़ी जा सकता है।

यह पुस्तक युग निर्माता तथा फेसबुक  की वेेबसाइट पर निः शुल्क उपलब्ध है तथा 9411547747 पर व्हाट्स एप्प के माध्यम से भी उपलब्ध करायी जा रही हैै। इसे टैब, मोबाइल तथा कम्प्यूटर पर आसानी सेे पढ़ा जा सकता है।

नमाज इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत उपयोगी रही

श्री नदीम ने बताया कि मुसलमानोें ने 1400 साल से अधिक समय से योेग अपना रखा है प्रत्येक मुसलमान केे लियेे पांच समय नमाज पढ़ना जरूरी हैै उसमें मुसलमान प्रतिदिन 23 बार वज्रासन करते है। रमज़ान में तराबीह पढ़ने पर यह 10 बार और अधिक हो जाता है।

इसके अतिरिक्त नमाज में मुसलमानोें द्वारा भू नमन वज्रासन, दक्षासान, हस्तपदासन तथा सूर्य नमरकार सहित विभिन्न योगासनों की स्थितियां की जाती है। नमाज़ के बाद तसबीह में अंगूठे से अंगुलियों को मिलाकर ध्यान मुद्रा, पृथ्वी मुुद्रा, वरूण मुद्रा तथा आकाश मुद्रा सहित विभिन्न योग मुद्रायें भी स्वतः हो जाती है। इसलिये कोरोेना काल में भी नमाज इम्युनिटी बढ़ाने में बहुत उपयोगी रही है।

वर्तमान काल में जब दुनिया बढ़ती गरीबी से जूझ रही है, इसमें जकात जिसमें प्रत्येक खाता-पीता व्यक्ति अपनी कुल सम्पत्ति का चालीसवां भाग गरीबोें पर खर्च करता है, संसार सेे गरीबी की समस्या से निबटने के लिये वरदान का काम कर सकती हैै।

श्री नदीम ने रोजा, नमाज़ व जकात के सांसारिक लाभोें को जानने में रूचि रखने वालेे लोगों से पुुस्तक पढ़कर अपने विचार देने का अनुरोध किया हैै ताकि अगलेे संस्करणों में औैर सुधार किया जा सके।

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