आंकड़ों की बाजीगरी से जैविक खेती ने मचाया धमाल

Organic farming in uttarakhand

Organic farming in uttarakhand

देहरादून। Organic farming in uttarakhand जनसंघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश को लुटेरों के हाथों में सौंपने का नतीजा ये हुआ कि प्रदेश में जहाँ किसान खेती से विमुख हो रहा है| वहीं सरकारी आंकड़ों में लगातार इजाफा हुआ है।

नेगी ने कहा कि अगर जैविक खेती के आंकड़ों की बात की जाये तो वर्ष 2015-16 में परिषद के माध्यम से 15496 है0 एवं 25716 कृषक जुड़े थे तथा वहीं दूसरी ओर निजी संस्थाओं के माध्यम से 5022 है0 एवं 6219 कृषक जुड़े थे।

आश्चर्यजनक तरीके से आंकड़ों में बाजीगरी कर खेती में अप्रत्याशित बढौत्तरी दर्शायी गयी यानि वर्ष 2016-17 में परिषद के माध्यम से 22565 है0 में खेती होने लगी तथा 44262 कृषक जुड़े|

वहीं अगर निजी संस्थाओं की बात करें तो इस वर्ष इसका आंकड़ा शून्य हो गया यानि निजी क्षेत्र में किसान इस खेती से विमुख हो गये। आलम यह है कि निजी क्षेत्र में काम करने वाले कृषक आज ढूंढे नहीं मिल रहे हैं।

नेगी ने कहा कि जैविक खेती के नाम पर प्रतिवर्ष सैकड़ों करोड़ रूपया ठिकाने लगाया जा रहा है, जबकि धरातल पर ढाक के तीन पात। हैरानी की बात यह है कि पहाड़ों से लोग पलायन कर चुके तो खेती कौन कर रहा।

मोर्चा ने कहा की, कि अगर इस मामले की सी0बी0आई0 जाँच हो जाये तो मंत्री से लेकर अधिकारी, कर्मचारी जेल की सलाखों में होंगे।

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