UP में AIMIM की बढ़ती ताकत से विपक्षी पार्टीयों में खलबली

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लखनऊ। यूपी में ऑल इण्डिया मजलिस-ए-इतेहदुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) की बढ़ती ताकत से विपक्षी पार्टीयों में खलबली मची हुई है। विपक्षी पार्टीयां भले ही इस बात से इंनकार कर रही हो, लेकिन उनको कहीं न कहीं इस बात का डर जरूरी है कि अगर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी यूपी की अगामी विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ती है तो फिर उनके वोट बैंक में जरूरी सेंध लगेगी व ओवैसी के आने से उनको भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
वहीं अगर हम बात करे एआईएमआईएम की तो, पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झौंकने के मुढ में दिख रही है। एआईएमआईएम यूपी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में सदस्यों को जोड़ने के लिए राणनीति तैयार कर रही हैं। एआईएमआईएम ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में पार्टी ने आठ से दस लाख सदस्य जोड़ लिये हैं। अभी हाल ही में हुए महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में एआईएमआईएम को 36 सीट मिलने के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है।
एआईएमआईएम के उत्तर प्रदेश के प्रधान कार्यालय प्रभारी शाहनवाज ने बताया हैं कि दर्ज आंकड़ों के मुताबिक राज्य में एआईएमआईएम पार्टी में सदस्यों की संख्या लगभग आठ लाख है।

अभी यह तो वो सदस्य हैं जिन्होंने सदस्यता कैम्प के दौरान पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। एवं अभी इसमे आनलाइन सदस्य की संख्या को भी जोड़ना बाकी है। उन्होंने बताया कि पार्टी में सबसे ज्यादा लगभग सवा लाख सदस्य अमरोह में जुड़े हैं। उसके बाद मेरठ में 50 से 60 हजार एवं कानपुर में लगभग 40 हजार सक्रिय सदस्य हैं। वहीं आगरा, सुल्तानपुर, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद एवं फैजाबाद में यह संख्या 20 से 30 हजार है। वहीं समाजवादी पार्टी का कहना है कि सपा के सामने एआईएमआईएम की सदस्य संख्या कुछ भी नहीं है।