NIVH Dehradun
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता गरिमा महरा दसौनी ने राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान ( NIVH Dehradun) में हुए यौन शोषण के मामले में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री का इस्तीफा मांगा है।
उन्होंने कहा कि विगत कई समय से वहां पर अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं द्वारा लगातार अपने ही शिक्षको द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत किये जाने के बावजूद संस्थान प्रबंधन एवं सरकार के द्वारा कोई भी कदम नहीं उठाया गया। और तो और पूरे प्रकरण में प्रशासन द्वारा हिला हवाली और उदासीनता बरतने का मामला सामने आया है।
उन्होंने कहा ये बात और भी ज्यादा हतप्रभ करने वाली है कि मई 2018 में ही यौन उत्पीड़न का यह मामला उजागर हो चुका था उसके बावजूद चार माह बीत जाने पर भी सिर्फ एक आरोपी को जेल भेजकर प्रशासन ने अपनी जिम्मेदारियो से पल्ला झाड़ इतिश्री कर ली। उसके बाद भी लगातार दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं के साथ यह जघन्य अपराध होता रहा, प्रशासन और मंत्रालय सुप्त अवस्था में निष्क्रिय रहा।

श्रीमती दसौनी ने इसे संवेदनहिनता की पराकाष्ठा करार करते हुए कहा कि बिहार के मुज्जफरपुर और उत्तर प्रदेश के देवरिया में संरक्षण ग्रहो के भीतर चल रहे अनैतिक कार्यो एवं संवासनियों तथा नाबालिक बच्चों से जबरन देह व्यापार कराये जाने जैसी दिल दहला देने वाली घटनाओ से भी उत्तराखण्ड का प्रशासन व सरकार नही चेती।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े-बडे़ वादे और दावे करने वाली भाजपा आज बेनकाब हो चुकी है तथा बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं के नारा थोथा सावित हुआ है। जिन-जिन राज्यों में केसरिया रंग की सरकार है वहां इस तरह के अपराधो में निरंतर बढ़ोतरी हुई है। श्रीमती दसौनी ने शीघ्रताशीघ्र अरोपियोें को गिरफतार करने की मांग करते हुए महिला एवं बाल कल्याणमंत्री का इस्तीफा मांगा है।