उत्तराखण्ड में गाय पर सियासत, प्रदेश सरकार पर निशाना

Politics on cow in uttarakhand
Politics on cow in uttarakhand

देहरादून,। उत्तराखंड में गाय पर सियासत ( Politics on cow in uttarakhand  ) लगातार जारी है। इस मामले में कांग्रेस ने निशाने पर प्रदेश सरकार पूरी तरह से आ गयी है। कांग्रेसी विधायक काजी निजामुद्दीन ने गाय के मसले पर फिर सरकार को निशाने पर लिया।

उन्होंने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है, वरना उच्च न्यायालय को क्यों कहना पड़ता कि कोर्ट गाय की विधिक अभिभावक है। उन्होंने कहा कि इससे सरकार का नकारापन प्रकट होता है।

Congress MLA Kaji Nizamuddin

उन्होंने सवाल उठाया कि डेढ़ साल के कार्यकाल में भाजपा और उसके विधायक गाय के नाम पर सियासत तो खूब करते हैं, लेकिन हरिद्वार जनपद में ही उनकी विधानसभा में बने पशु चिकित्सालयों की हालत बेहद खराब है। वहां डाक्टर हैं न फार्मासिस्ट। हजारों गायें सड़कों पर लावारिस घूम रहीं हैं।

उनकी देखरेख और संरक्षण की सरकार की कोई योजना नहीं है। यही हाल गंगा के मामले में है। निजामुद्दीन ने कहा कि उन्होंने हरिद्वार के जिलाधिकारी को पत्र लिख अपनी विधानसभा मंगलौर में विधायक निधि से गायों को लिए पशु चिकित्सालय में गौ वार्ड और आईसीयू स्थापित करने का अनुरोध किया है।

रेस्क्यू वैन की आवश्यकता नहीं

उन्होंने कहा कि उनकी ओर से पहल हुई है। आशा है कि इससे भाजपा के विधायक भी सीख लेंगे। इस दौरान जब उनसे पूछा कि गो सेवा आयोग ने सभी विधायकों को पत्र लिखा था कि वे रेस्क्यू वैन में विधायक निधि से सहयोग दें, लेकिन किसी विधायक ने इसमें दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई।

इस प्रश्न के जवाब में काजी ने कहा कि उनके क्षेत्र में रेस्क्यू वैन की आवश्यकता नहीं है। वहां आईसीयू की आवश्यकता है जिसके लिए उन्होंने डीएम को पत्र लिख दिया गया। स्लॉटर हाउस पर उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश है कि हर नगर निकाय में कम से कम एक अत्याधुनिक स्लॉटर हाउस होगा जो एनजीटी के मानकों के अनुरूप बनेगा।

अब सरकार को तय करना है। उन्होंने तंज किया कि मोदी सरकार ने ही स्लॉटर हाउस के लिए 68 करोड़ और वर्तमान सरकार ने 10 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इससे भाजपा की कथनी और करनी में फर्क स्पष्ट हो जाता है।

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