Negligence on fake medicines will not be tolerated
- नकली दवाओं और ड्रग्स पर ज़ीरो टॉलरेंस – स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार का FDA मुख्यालय में औचक निरीक्षण
- 450 से अधिक मेडिकल स्टोरों और 65 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी, प्रवर्तन कार्यों में तेज़ी
देहरादून। Negligence on fake medicines will not be tolerated मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों पर “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” अभियान को नई गति देने के लिए स्वास्थ्य सचिव एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) डॉ. आर. राजेश कुमार ने मंगलवार को FDA मुख्यालय का औचक निरीक्षण कर विभागीय कार्यों की बारीकी से समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने विभागीय गतिविधियों पर विस्तृत प्रेज़ेंटेशन दिया। सचिव ने स्पष्ट कहा कि मुख्यमंत्री के मिशन को युद्धस्तर पर चलाना विभाग की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि “ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025” मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में केवल नारा नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर चल रहा ठोस अभियान है, जिसका लक्ष्य सुरक्षित, स्वस्थ और नशामुक्त समाज का निर्माण है।
तेज हुई कार्रवाई, ठोस परिणाम
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री जी के ‘ड्रग फ्री उत्तराखंड – 2025’ के सपने को साकार करने के लिए विभाग युद्धस्तर पर जुटा है। क्विक रिस्पॉन्स टीम के गठन के बाद निरीक्षण और छापामारी में तेजी आई है। अब तक 450 से अधिक मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी की कार्रवाई की जा चुकी है, 65 मैनुफैक्चरिंग यूनिट्स पर छापेमारी की गई है और बाकी की कार्रवाई गतिमान है।
नेपाल बॉर्डर वाले इलाकों में सर्विलांस की कार्रवाई और तेज़ करने के निर्देश भी दिए गए हैं। नारकोटिक्स और नकली दवाओं पर प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए विभाग एसटीएफ, पुलिस और अन्य विभागों के साथ समन्वय को और तेज़ कर रहा है।
नकली दवाओं और ड्रग्स पर ज़ीरो टॉलरेंस
डॉ. आर. राजेश कुमार नकली दवाओं और नशीले पदार्थों के मामलों पर बेहद सख़्त नज़र आए। उन्होंने निर्देश दिया कि छापामार कार्रवाइयों की गति और दायरा दोनों बढ़ाए जाएं ताकि दोषियों के खिलाफ त्वरित और कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि दवाओं की गुणवत्ता न केवल स्वास्थ्य का बल्कि समाज के भरोसे का विषय है, इसलिए बाज़ार में बिक रही हर दवा सुरक्षित और वैज्ञानिक मानकों पर खरी उतरनी चाहिए।
लैब और मोबाइल वैन से बढ़ी टेस्टिंग क्षमता
निरीक्षण के दौरान डॉ. आर. राजेश कुमार ने फूड और कॉस्मेटिक लैब का भी जायज़ा लिया। उन्होंने सैंपलों की जांच, कार्रवाई और रिपोर्टिंग की व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी ली और स्पष्ट निर्देश दिए कि हर स्तर पर पारदर्शिता और सख्ती बरती जाए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में विभाग के पास तीन मोबाइल वैन हैं, जिनके ज़रिए सभी जगह सैंपल भरे जा रहे हैं।
अगले दो से तीन माह में 10 और आधुनिक मोबाइल वैन मिलने वाली हैं। भारत सरकार से स्वीकृत मिल चुकी है। जल्द ही देहरादून स्थित लैव में आधुनिक उपकरण लग जायेगें। जिससे जांचों में और तेजी आयेगी। देहरादून में नई लैब खुलने से गढ़वाल क्षेत्र के सैंपलों की जांच में पहले से ही तेजी आई है।
प्रवर्तन कार्यों को मजबूत करने के लिए नए कदम
बैठक में विभागीय कार्यों को मज़बूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें नवनियुक्त 18 औषधि निरीक्षकों को प्रवर्तन कार्यों के स्पष्ट लक्ष्य देना, अभिलेखों के रख-रखाव में एकरूपता लाना, न्यायालयों में लंबित वादों की प्रभावी पैरवी सुनिश्चित करना, वाद तैयार करने व विश्लेषण और दस्तावेजीकरण के लिए कार्यशाला आयोजित करना शामिल है। साथ ही विभागीय प्रवर्तन कार्यों पर Digital Repository और Coffee Table Book तैयार करने, repeated offenders की प्रभावी ट्रेसिंग की व्यवस्था बनाने और सीमांत जनपदों — चमोली, पिथौरागढ़ व चम्पावत — में सर्विलांस बढ़ाकर प्रवर्तन को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए।
भविष्य की योजना
सचिव ने कहा कि अगले तीन महीने विभाग के लिए निर्णायक होंगे। 18 नए ड्रग इंस्पेक्टरों की तैनाती के बाद फील्ड कार्यों में तेजी आई है। अंतर्राज्यीय समन्वय को और मज़बूत किया जाएगा और औषधि विक्रेताओं के distribution network की जांच कर उसका डेटा तैयार किया जाएगा। अगले दो–तीन महीनों में आधुनिक उपकरणों से लैस लैब के आने से दवा और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांचने की प्रक्रिया और तेज़ एवं पारदर्शी होगी।
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