उत्तराखंड से शुरू होगी राष्ट्रीय जनगणना

National census will start from Uttarakhand

नई दिल्ली/देहरादन। National census will start from Uttarakhand देश में पहली बार जातीय डिजिटल जनगणना की अधिसूचना जारी कर दी गई है। देश की 16वीं और आजादी के इतिहास में आठवीं जनगणना की खास बात यह है कि इस बार जनगणना में जाति के बारे में जानकारी ली जाएगी। जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल तथा लद्दाख क्षेत्र में बर्फबारी के कारण 6 महीने पहले जनगणना का काम शुरू किया जाएगा तथा इन राज्यों में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी जबकि देश के अन्य सभी राज्यों में 1 मार्च 2027 से यह जनगणना का काम शुरू होगा।

जनगणना का काम दो चरणों में कराया जाएगा। पहले चरण में जनगणना कर्मियों द्वारा हर घर की आवासीय स्थिति संपत्ति एवं सुविधाओं की जानकारी ली जाएगी तथा दूसरे चरण में हर घर के व्यक्तियों की संख्या, लिंग, उनकी उम्र, आय के साधन, सामाजिक आर्थिक स्थिति की जानकारी एकत्रित की जाएगी। खास बात यह है कि पहली मर्तबा होगा कि जनगणना अधिकारियों द्वारा उनकी जाति भी पूछी जाएगी।

उल्लेखनीय है कि 2021 में देश में जनगणना की जानी थी लेकिन कोरोना के कारण सही समय पर जनगणना न हो पाने के कारण अब जनगणना का यह चक्र बदल गया है। अब 2027 में यह जनगणना हो सकेगी तथा इसके बाद हर 10 साल के अंतराल पर जनसंख्या की गणना होगी।

इस जनगणना के लिए 34 लाख कर्मचारी एवं पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे तथा कुल मिलाकर 1लाख 30 हजार कर्मचारी काम पर लगाये जाएगें। इस जनगणना में 12 हजार करोड रुपए अनुमानित खर्च आने की बात कही जा रही है। बीते कुछ दिनों से देश में जातीय आधार पर जिसकी जितनी भागीदारी उसकी उतनी हिस्सेदारी की बात उठाये जाने के बाद यह जातीय जनगणना कराई जा रही है।

सामाजिक न्याय को पुनर्परिभाषित करेगी जाति जनगणना