मुंबई। नोटबंदी के केंद्र सरकार के पफैसले के बाद पिछले तीन सप्ताहों में रिलीज फिल्मों के बाॅक्स आॅफिस आंकड़ों ने साबित कर दिया है कि इस फैसले ने फिल्मी कारोबार को बुरी तरह से प्रभावित किया है। तीन सप्ताह बाद मल्टीप्लेक्स के कारोबार में थोड़ा सुधार जरुर है, लेकिन सिंगल थिएटरों की हालात बद से बदतर होती जा रही है। गौरतलब है कि शाहरुख खान की पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई डियर जिंदगी को 1200 के लगभग प्रिंटस पर रिलीज किया गया। आम तौर पर उनकी फिल्म के 3000 से ज्यादा प्रिंटस रिलीज होते हैं। प्रिंटस कम करने से सबसे बड़ा फायदा ये हुआ कि इसकी लागत कम हो गई। सूत्र बताते हैं कि प्रिंटस कम करने के अलावा फिल्म का वितरण करने वालों के लिए रेट घटाए गए। ये भी तय किया गया कि यदि फिल्म को घाटा होता है, तो इसकी भरपाई निर्माता और कलाकार मिलकर उठाएंगे। अब संकेत मिल रहे हैं कि 23 दिसम्बर को रिलीज होने वाली आमिर खान की फिल्म दंगल को भी लेकर कुछ ऐसी ही रणनीति अपनाई जा सकती है। फिल्म की मार्केटिंग टीम की ओर से संकेत मिले हैं कि इसके प्रिटंस कम किए जा सकते हैं।
आमिर खान की कंपनी ने फिल्म बनाई है, इसलिए इन फैसलों में आमिर की सहमति आसानी से मिल गई। बाॅलीवुड में इन दिनों मल्टीप्लेक्स सिनेमाघरों के टिकटों को कुछ वक्त के लिए कम करने के विचार को सबसे ज्यादा समर्थन मिला है। महेश भट्ट से लेकर सुभाष घई और राकेश रोशन से लेकर करण जौहर तक हर किसी को ये सुझाव पसंद आया है। बाॅलीवुड में चर्चा है कि जल्दी ही मल्टीप्लेक्स मालिकों और बाॅलीवुड के निर्माताओं के संगठन के बीच मीटिंग होने जा रही है, जिसमें इस मुद्दे पर गौर किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, मल्टीप्लेक्स मालिकों की ओर से भी इसे लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं, जिनको लेकर बाॅलीवुड के बड़े निर्माताओं में उत्साह लौटा है। एक बड़े निर्माता ने कहा कि हमें इस वक्त मल्टीप्लेक्स से सहयोग की जरुरत है। यदि टिकट रेट कम करने से ज्यादा दर्शकों को लाया जा सकता है, तो इससे बेहतर रास्ता नहीं हो सकता। उधर, मल्टीप्लेक्स के मैनेजमेेंट से जुड़े एक बड़े व्यापारी ने कहा कि सिंगल थिएटरों के मुकाबला हमारे खर्चे ज्यादा हैं, जिस वजह से हम टिकट दाम ज्यादा रखते हैं, लेकिन इस वक्त हालात को समझते हुए हम कोई ऐसा रास्ता निकालना चाहते हैं, जिससे सबको राहत मिले। अगले 10 दिनों के अंदर मल्टीप्लेक्स मालिकों और गिल्ड के बीच मीटिंग हो सकती है।