एमआरपी से अधिक कीमत वसूले जाने पर होगा जुर्माना

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अल्मोड़ा । जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों के सामने सबसे बड़ी समस्या पुराने स्टाक को क्लीयर करने की है। जिन उत्पादों पर जीएसटी लगने के बाद मूल्यवृद्धि हुई है, यदि जीएसटी पंजीकृत व्यापारी उस उत्पाद को संवर्द्धित मूल्य पर बेचता है तो उसे स्टाक की स्थिति को सार्वजनिक करना होगा। अन्यथा एमआरपी से अधिक कीमत वसूले जाने की शिकायत पर उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। जीएसटी लगने के बाद पंजीकृत व्यापारी अपना स्टाक क्लीयर करने में लगे हुए हैं, इस कर प्रणाली में ब्रांडेड खाद्य पदार्थों के अलावा तंबाकू उत्पाद, बीड़ी तथा सिगरेट के दाम बढ़ने हैं। टैक्स का दायरा भी करीब पहले की अपेक्षा तीन प्रतिशत बढ़ जाएगा, ऐसे में बाजार में स्टाक के रूप में मौजूद सामान को क्लीयर करने में जुटे व्यापारियों के सामने संशय की स्थिति है।

उस स्टाक को दर्ज कराने के बाद यदि वह उसे पुरानी एमआरपी पर बेचते हैं। तो टैक्स का बोझ पड़ेगा, ऐसी स्थिति में कई व्यापारी इस स्टाक को जीएसटी के अनुसार कीमत बढ़ा कर बेच रहे हैं। ऐसे व्यापारियों को अपने स्टाक की जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। बिना स्टाक को सार्वजनिक किये बगैर यदि वह बढ़े हुए मूल्य पर सामान बेचता है तो परेशानी में पड़ सकता है। स्टाक को सार्वजनिक किए बिना उसे संवर्द्धित मूल्य के अनुसार बेचने की शिकायत सही पाए जाने पर उसे वाणिज्य कर विभाग निमयों के तहत अर्थदंड दे सकता है, जो उसके पास मौजूद स्टाक के आधार पर तय होगा। जिन वस्तुओं में जीएसटी बढ़ा है।

उनकी कीमत बढ़ना लाजमी है, कर का भार भी तीन प्रतिशत अधिक हो जाएगा, ऐसी स्थिति में व्यापारी को अपना स्टाक सार्वजनिक कर देना चाहिए, अन्यथा एमआरपी से अधिक मूल्य वसूले जाने की शिकायत पाये जाने पर उसे अर्थदंड हो सकता है। कमल किशोर जोशी, सहायक आयुक्त वाणिज्य कर विभाग