आधार नहीं तो मिड डे मिल नहीं!

mid day meel

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मिड डे मील योजना को आधार से जोड़ने के मोदी सरकार के फैसले की राजनीति से प्रेरित करार देते हुए देश के भविष्य को कमजोर और गुलामी की ओर ले जाने वाला बताया है। दरअसल केंद्र सरकार ने स्कूलों में मिड डे मील योजना में भी आधार को अनिवार्य कर दिया है। जिन बच्चों के पास अभी तक आधार नहीं हैं, उन्हें 30 जून तक आधार पंजीकरण करवाना होगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने इस संबंध में भी अधिसूचना जारी कर दी है। इतना ही नहीं बच्चों के साथ-साथ मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों के लिए भी आधार अनिवार्य बना दिया गया है।

कांग्रेस ने इसी अधिसूचना पर सवाल उठाते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार का यह मानवता और बच्चों के अधिकारों के खिलाफ है और इससे करोड़ों स्कूली बच्चे पोषाहार से वंचित हो जाएंगे। कांग्रेस के प्रवक्ता भक्त चरण दास ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना करते हुए कहा, ‘भोजन के अधिकार के तहत मिल रहे चावल से बुजुर्ग आज वंचित हैं और सरकार अब बच्चों से उनके भोजन का अधिकार भी छीन रही है।‘ दास ने कहा, ’ये वोटर्स नहीं बच्चे हैं लालन-पाल को लोभ से नहीं जोड़ना चाहिए। मूलभूत जन्म सिंध अधिकार पर लेखा-जोखा से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। पार्दशिता दिखाने के लिए बहुत सी जगह है, इन बच्चों पर ये प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। मैं माल न्यूट्रशियन पर सदन में बिल भी लाया था।’

दास ने कहा कि जिनकी देखभाल सरकार को करनी चाहिए, ये मोदी सरकार उनके लिए हर दिन नए-नए नोटिफिकेश लागू करती जा रही है। इसके एक उदाहरण गरीब-पेंशन योजना है। ये 12 करोड़ बच्चे कैसे सरकार की इस योजना का लाभ ले पाएंगे। इससे ये साबित होता है कि मोदी सरकार देश के भविष्य को कमजोर और गुलामी की ओर ले जाना चाह रही है। गरीब विरोधी निर्णय हर किसी के संबंध में लगातार लिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा इससे पहले यूपीए सरकार में इसकी फंडिंगि का रेशो 75-25 था जोकि अब 60-40 हो गया है। 2015 में 11 हजार करोड़ में एक्सपैंडीचर हुआ करता था। वहीं अब ये एक्सपैंडीचर 5 हजार करोड़ तक सिमट गया है। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. कामराज ने मीड-डे मील का कार्यक्रम की एक बच्चे से प्रेरण ले कर शुरूआत की थी। इसके बाद 1995 में इसे केंद्रीय कार्यक्रम के तहत लागू किया, आज ये दुनिया का बड़ा स्कूल फीड़िंग कार्यक्रम है।

देश में समय-समय पर माल न्यूट्रीशियन का मामले सामने भी आये। इसलिए इसमें दी जाने वाली कैलोरीज 700 और 20 ग्राम न्यूट्रीशियन फिक्स किया गया। इसके पीछे की वजह यह थी कि जिस रेशों से बच्चे बीच में ही पढ़ाई छोड़ रहे हैं। उसमें कमी आई। वहीं इस मिड-डे मील के लिए आधार कार्ड से जोड़ने की कोई आवश्यक्ता नहीं है, इससे करोड़ों बच्चे इस योजना से वंचित हो जाएंगे।