MDDA’s JE is extorting in the name of sealing the shop
देहरादून। MDDA’s JE is extorting in the name of sealing the shop मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के कर्मचारियों के हौसले इतने बुलंद है कि किसी भी व्यक्ति या करोबारी से डरा धमका के लाखो रूपये ऐंठ रहे हैं।
अभी ताजा मामला संज्ञान में आ रहा है जहां एमडीडीए का जेई प्रिंस कुमार पर आरोप लग रहे हैं कि वहं जीएमएस रोड स्थित एक वर्कशॉप के मालिक से ढाई लाख रूपये के मांग की। जिसमें से जेई प्रिंस कुमार द्वारा लगभग एक लाख की राशि भी ले ली गई है एवं बाकि के धानराशि लेने का दबाव बनाया जा रहा है। और पीड़ित को धमकाया जा रहा है कि अगर उसने बाकि के पैसे नहीं दिये तो उसके टीन शेड से बने वर्कशॉप को सील कर दिया जायेगा।
गौरतलब है कि जीएमएस रोड स्थित बल्लीवाला चौक के समीप रणावत मोटर्स के नाम से एक वर्कशॉप है जो कई वर्ष पुराना है। पुराना होने के कारण वर्कशॉप का संचालक अंकुर कुमार दुकान की मरम्मत करवा रहा था जिसमें जो टीन शेड खराब हो गये थे उसके बदले दुसरा टीन शेड लगवा रहा था, इसी बीच एमडीडीए का जेई प्रिंस कुमार वर्कशॉप पर जाता है और मालिक से पूछता है कि क्या आपने एमडीडीए से कार्य करवाने की स्वीकृति ली है, अगर इसकी स्वीकृति ली है तो कागज दिखाओं नहीं तो हम इसे सील कर देंगे।
यह सुनकर अंकुर थोड़ा घबरा गया और जेई साहब के सामने हाथ जोड़कर प्रार्थना करने लगा कि आप ऐसा ना करें यह मेरी रोजी-रोटी है, मैं सड़क पर आ जाऊंगा, बहुत हाथ पैर जोड़ने के बाद उन्होंने कहा कि चलो कोई बात नहीं मैं इसे छोड़ दूंगा, लेकिन आपको मुझे ढाई लाख रुपए देने होंगे जिसके बाद बहुत हाथ जोड़ने वह प्रार्थना करने के बाद जेई प्रिंस कुमार ने कहा कि अगर तुम एक साथ नहीं दे सकते तो थोड़ा-थोड़ा करके दे दो, जिसके बाद मेरे द्वारा किसी तरह से 28 जून को जेई प्रिंस कुमार को 50000 रूपये दिया गया। दूसरी बार 2 जुलाई की शाम को 35000 रूपये मेरे वर्कशॉप से लेकर गए। तीसरी बार 5 जुलाई को 5000 रूपये मेरी दुकान से लेकर गए हैं।
संचालक अंकुर ने कहा कि अब चुंकि मेरे पास पैसे नहीं है और मैं बहुत परेशान हूं और जेई प्रिंस कुमार का मुझ पर दबाव बनाया जा रहा है कि अगर बाकी के पैसे नहीं दिए तो मैं दुकान को सील कर दूंगा, जिसके बाद तुम कुछ नहीं कर पाओगे और ढाई लाख की जगह तुम्हें दस लाख रुपए देने पड़ेंगे, तब जाकर दुकान खुलेगी क्योंकि यह पैसा नीचे से लेकर ऊपर तक बंटता है।
एमडीडीए के ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों की वजह से ही पूरा विकास प्राधिकरण पर सवालिय निशान खड़ा होता है और अब तक इस भ्रष्ट जेई ने न जाने कितने लोगो को डरा कर उगाई की होगी। अब देखना यह है कि एमडीडीए के अधिकारी इस भ्रष्ट जेई पर क्या कार्यवाही करते हैं?
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