थलीसैंण में भारी बारिश से कई मकानों को पहुंचा भारी नुकसान

Many houses were damaged due to heavy rain
अतिवृष्टि से गांव को हुआ नुकसान।

श्रीनगर गढ़वाल। Many houses were damaged due to heavy rain पौड़ी जिले के थलीसैंण क्षेत्र में बीते दिनों भारी बारिश के कारण चैथन पट्टी को खासा नुकसान पहुंचा है। यहां चौथान पट्टी के जैंती डांग, जैंती चक और मगरों में बारिश के कारण 10 घरों में मलबा घुस गया। जबकि 6 मवेशियों की इस दौरान मौत भी हो गई। बारिश के कारण गांव को जोड़ने वाली सड़क ही ढह गई। ऐसे में एसडीआरएफ और प्रशासन की टीम अन्य सड़क के जरिए आपदाग्रस्त क्षेत्र में पहुंच रही है।

डीएम पौड़ी डॉक्टर आशीष चैहान ने बताया कि बारिश के कारण जिले में 33 मार्ग लैंडस्लाइड से बाधित हुए हैं। जिसमें 6 स्टेट हाईवे शामिल हैं, बाधित मार्गों को यातायात के लिए सुचारू किया जा रहा है। जनपद में अतिवृष्टि होने से थलीसैंण विकासखंड के अंतर्गत चैथान पट्टी में जगह-जगह में मोटर मार्ग अवरुद्ध हो गया और कई घरों में मलबा घुस गया।

जिलाधिकारी डॉ। आशीष चौहान ने संबंधित अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को जल्द सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। वहीं घटनास्थल पर एसडीआरएफ व राजस्व विभाग की टीम राहत एवं बचाव कार्य में जुटी है। आपदा कंट्रोल रूम से जानकारी के अनुसार चैथान पट्टी के जैंती डांग, जैंती चक व मगरों गांव में अतिवृष्टि होने से कही घरों में पानी व मलबा भर गया। जहां एसडीआरएफ व राजस्व विभाग की टीम लगातार रेस्क्यू कार्य में जुटी है।

अतिवृष्टि से जैंती चक गांव में तीन पुलिया क्षतिग्रस्त, आठ आवासीय मकानों में भूस्खलन से क्षति पहुंची है। जबकि जैंती डांग गांव में स्थानीय संपर्क मार्ग को जोड़ने वाले चार डाट पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा पैदल रास्ते व पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। जिलाधिकारी ने पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद दिए जाने का आश्वासन दिया।

उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि गौशाला के अंदर मलबे से दबकर हुई गाय व बकरियों की मौत का मुआवजा पीड़ित परिवारों को समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने लोनिवि के अधिकारियों को कहा कि जहां-जहां मोटर मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। उन्हें तत्काल सुचारू करना सुनिश्चित करें।

मूसलाधार बारिश के बाद सुसुवा नदी का रौद्र रूप
उत्तराखंड में भारी बारिश और बर्फबारी
भारी बारिश के कारण सड़क पर फंसे एमएलए, बिजली व संचार व्यवस्था ठप