उत्तर प्रदेश का ये गाँव बनेगा पहला ‘डिजिटल विलेज’

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 28 किलोमीटर दूर माल ब्लॉक के लतीफपुर गाँव की सूरत जल्द बदलने वाली है. इसका पूरा श्रेय वहां की महिला प्रधान श्वेता सिंह को जाता है, इसके लिए उन्हें यूपी सरकर की ओर से रानी लक्ष्मी बाई अवार्ड से भी नवाजा गया है। हाल ही में जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को डॉ श्वेता ने अपने गांव की पिछले एक वर्ष की प्रगति रिपोर्ट दिखाई तो वो भी हैरान रह गए। दरअसल डॉ श्वेता सिंह प्रधानमंत्री मोदी की कर्मभूमि वाराणसी की हैं। नोटबन्दी के बाद माल ब्लॉक का लतीफपुर गांव डिजिटल होने की संख्या में अव्वल नम्बर पर है.

ऐसे हुआ गाँव डिजिटल

गांव की महिला प्रधान डॉ श्वेता सिंह का ये सपना साकार करने में मदद की उनके पति और गांव के ग्राम पंचायत के सलाहकार डॉ अखिलेश सिंह ने, वो लगातार इस प्रोजेक्ट से जुड़े रहें। डॉ अखिलेश ने समाजशास्त्र में पीएचडी की उपाधि हासिल की है और अपनी पढ़ाई के दौरान उन्होंने
रिसर्च किया और पाया की सरकारी योजनाओं से महिला शक्तिकरण कैसे सम्भव हो सकता है? तब डाॅ. श्वेता ने एक डिजिटल प्लान तैयार कर, एक ऐसे गांव की परिकल्पना की जहाँ सारी चीजें इन्टरनेट पर हो एवं पूरी दुनिया में कहीं भी बैठे लोग ये जान सके कि कौन सी सड़क लतीफपुर को जाती है। इसके लिए सबसे पहले मौजूदा स्कीम का डाटा डिजिटल किया गया। इसके अनुसार-
लतीफपुर 1600 परिवार का गांव है
198 लोग पेंशन योजनाओ का लाभ उठा रहे हैं
80 प्रतिशत लोग राशन कार्ड धारक हैं

सारी समस्याएं ऑनलाइन दूर होती हैं

डॉ श्वेता के अनुसार लतीफपुर पहली ऐसी ग्राम पंचायत है जिसके पास खुद का इन्टरनेट कनेक्शन है जो 21.1 एमबीपीएस स्पीड पर चलता है। समस्याएं सुलझाने के लिए ‘डिजिटल लतीफपुर’ नाम से एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है जिसमें गांव के लगभग 112 लोग जुड़े हैं, इसमें गांव के लेखपाल, पंचायत सेक्रेट्री, एवं प्रधान सहित गांव के वो सभी लोग हैं जिनके पास स्मार्टफोन हैं। गांव के लोग अपनी परेशानियों को वॉइस मैसेज या फिर विडियो बनाकर इस ग्रुप में भेज देते हैं जिससे उनकी परेशानी जल्द से जल्द समाधान किया जाता है। इतना ही नहीं गाँव में डोरस्टेप बैंकिंग की भी सुविधा शुरू की गई है, इसके तहत खुद बैंक कर्मचारी घर पहुंचते हैं एवं जरूरतमंद लोगो से अंगूठा लगवाकर पैसे देते हैं। इसके अलावा आने वाले समय में कई और भी चीजें होंगी जिससे ये गांव पूणतया डिजिटल होगा।

Shalu
शालू अवस्थी।