कांग्रेस नेता Kishore Upadhyay की गिरफ्तारी को लेकर हंगामा
देहरादून। जमानत लेने के बाद भी एनबीडब्लू (गैर जमानती वारंट) लेकर घर पहुंची पुलिस के खिलाफ शनिवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मोर्चा खोला। वह समर्थकों के साथ गिरफ्तारी देने डालनवाला थाने पहुंचे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। इधर, पुलिस ने भी किशोर के सामने अपनी भूल स्वीकार की और उनकी गिरफ्तारी से इंकार किया। जिस पर Kishore Upadhyay समर्थकों के साथ वापस लौट आए।
वर्ष 2009 में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा का घेराव किया था। तब राज्य में भाजपा की सरकार थी। पुलिस ने सभी को रिस्पना पुल पर रोक लिया। इस दौरान धक्का मुक्की और प्रदर्शन से कानून व्यवस्था बिगड़ गई थी। पुलिस ने किशोर उपाध्याय समेत अन्य नेताओं पर नेहरू कालोनी थाने में मुकदर्मा दर्ज किया था। सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ किशोर उपाध्याय शनिवार को लक्ष्मी रोड स्थित अपने आवास से गिरफ्तारी देने के लिए डालनवाला थाना पहुंचे।
Kishore Upadhyay ने समर्पण करते हुए गिरफ्तार करने की बात कही
यहां किशोर उपाध्याय सीओ डालनवाला जया बलूनी के सामने समर्पण करते हुए गिरफ्तार करने की बात कही। हालांकि सीओ ने गिरफ्तारी से इंकार करते हुए कहा कि कोर्ट द्वारा उन्हें जमानत दिए जाने की जानकारी पुलिस को नहीं पहुंची थी। जिस कारण पुलिस टीम उन्हें तीन तारीख को रिकॉल होने की जानकारी देने पहुंची थी। हालांकि बाद में पुलिस को कोर्ट से जमानत के बारे में पता चल गया था।
वहीं, किशोर उपाध्याय ने कहा कि पुलिस एनबीडब्ल्यू वारंट लेकर घर आई, जिससे मानसिक तौर पर परिजन परेशान हुए। इसलिए वे कानून का पालन करते हुए गिरफ्तारी देने थाने पहुंचे हैं। इस अवसर पर सुरेंद्र अग्रवाल, सुशील राठी, राजीव जैन, गोदावरी थापली, दीप चैहान, ललित भद्री, मुकेश चैहान, गरिमा दसोनि, मोहन काला, साहब सिंह सजवाण, बुद्धि सेमवाल, महेश जोशी, विपुल नोटियाल, यशपाल चैहान, संजय भट्ट, सूरज राना, पंकज मेसोन,सुरेंद्र रांगड़, राकेश नेगी, कमलेश रमन, आशा डोबरियाल, दिनेश भण्डारी, शांति रावत, सुलेमान, निहाल सिंह, अरुण उनियाल आदि शामिल थे।