आरक्षण की मांग को लेकर मुस्लिमों ने निकाला विशाल मोर्चा

मुंबई । सरकारी व अर्ध सरकारी विभाग में मुस्लिम समुदाय को 15 प्रतिशत आरक्षण देने की मांग को लेकर औरंगाबाद शहर के आम खास मैदान से विभागीय आयुक्तालय पर मुस्लिमों ने विशाल मोर्चा निकालकर विभागीय आयुक्त डाॅ. पुरुषोत्तम भापकर से मुलाकात की और 15 पन्नों वाला ज्ञापन सौंपा है। आमखास मैदान में मोर्चे के लिए तकरीबन दो लाख से अधिक लोग जमा थे, जो मोर्चे की शक्ल में विभागीय आयुक्तालय पहुंचे। गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोग मोर्च के लिए आम खास मैदान पर जमा हुए और उसके बाद यह समुदाय मोर्चे में तब्दील हो गया और निर्धारित समय से करीब दो घंटे की देरी से मूक मोर्चे के रूप में विभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचा।

मोर्चे के विभागीय आयुक्त कार्यालय पहुंचते ही स्कूली छात्र मोहम्मद माझ, अदनान इलियास किरमाणी, आयना खान, नवीदा नासेर नाहदी, जैनब अब्दुल रउपफ नामक छात्र व छात्राओं ने डाॅ. भापकर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि भारतीय संविधान की धारा 15,16-4 व 46 के अनुसार अल्पसंख्याक मुस्लिम समाज को प्रोटेक्टेड क्लास के रुप में आरक्षण दिया जाए। कौन्सिटिटयूट एसेंब्ली आॅफ इंडिया के तत्कालीन सदस्य मोहम्मद ईस्माईल ने 30 नवम्बर 1948 को सदन में किए हुए भाषण में साफ कहा था कि मुस्लिम समुदाय के सभी क्षेत्रों में पिछड़ेपन को ध्यान में रखकर उन्हें आरक्षण दिया जाए। इससे यह साफ है कि मुस्लिम समुदाय को आरक्षण देने की मांग देश को आजादी मिलते ही सामने आई थी। जिस तरह राष्ट्रीय शिक्षण परिषद, एनईसी पाॅलिसी की सन 1983 के अनुसार मुस्लिम समाज शिक्षण में पिछड़ा समझा जाता है, उसे आधारभूत मानकार सरकार तत्काल इस समाज को 15 प्रतिशत आरक्षण दे, ऐसी मांग ज्ञापन में की गई है।

छात्राओं ने बताया कि सामाजिक न्याय, समानता व निपुणता 1986 के अनुसार नवोदय विद्यालय समिति ने भी मुस्लिम अल्पसंख्यक समाज को शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ापन के रुप में घोषित किया है, उसे भी आधारभूत माना जाए। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार मुस्लिम समाज की महिलाओं में शिक्षा का प्रमाण काफी कम है। राज्य में यह प्रमाण सिर्फ पांच प्रतिशत है, इसलिए संपूर्ण समाज आरक्षण के लिए पात्र है। सन 1986 में गोपाल सिंह आयोग के रिपोर्ट के पृष्ट क्रमांक सात के परिच्छेद नौ में सापफ लिखा गया है कि मुस्लिम अल्पसंख्यक समाज, सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक क्षेत्र में पिछड़ा है। इसलिए उसे आरक्षण देना जरुरी है। ज्ञापन स्वीकारने के बाद विभागीय आयुक्त डाॅ. उमाकांत दांगट ने आश्वासन दिया कि वह सरकार को सारी स्थिति से अवगत करायेंगे।