इजरायल के राष्ट्रपति दिल्ली पहुंचे, रक्षा संबंधों को बढ़ाने पर होगा जोर

नई दिल्ली, । इजराइल के राष्ट्रपति रियूवेन रिवलिन सोमवार को 8 दिन के राजकीय दौरे पर यहां पहुंच चुके हैं। द्विपक्षीय रक्षा, सुरक्षा, शिक्षा, संबंधों को मजबूत बनाने के उद्देश्य से 20 सालों में पहली बार इजरायल के राष्ट्रपति का यह भारत दौरा बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निमंत्रण पर अपना दौरा शुरू करने से पहले श्री रिवलिन ने भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी और इजराइल का एक करीबी मित्र बताते हुए कहा कि इजराइल और भारत दोनों ही नवाचार और प्रेरणाओं का देश है। प्राचीन परंपराओं के साथ-साथ दोनों देशों ने मजबूत और संपन्न उच्च तकनीक अर्थव्यवस्थाओं का निर्माण किया है और अब अपने राजनयिक संबंधों के 25 साल का जश्न मना रहा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों और दोस्ती की निशानी है और उम्मीद है कि यह दोस्ती समय के साथ घनिष्ठ होती जाएगी।

भारत की राजकीय दौरे के लिए रवाना होते हुए गर्व महसूस कर रहा हूं कि कैसे इजराइल के नवाचार ने लाखों भारतीय लोगों के जीवन में सुधार किया है। यह यात्रा रक्षा से खाद्य सुरक्षा तक विविध क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाएगी। यात्रा को बढ़ती साझेदारी का प्रतीक बताते हुए इजराइल दूतावास के एक बयान में कहा गया कि इस यात्रा में भारत और इजराइल के बीच हमेशा बढ़ते आर्थिक संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान दिया जाएगा और ऊर्जा, कृषि और व्यापार के क्षेत्र में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ द्विपक्षीय बैठक में नए संयुक्त उद्यमों और हथियार प्रणालियों के विकास में इजराइल से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर चर्चा होने की उम्मीद है। मोदी के मेक इंन इंडिया पहल के अंतर्गत रक्षा क्षेत्र जिसमें दोनों देशों का विशेष संबंध है में सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत हो सकती है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उड़ी हमले के बाद पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके में भारतीय सेना के सपफल सर्जिकल हमले पर प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय सेना के पराक्रम की तुलना इजराइल की सेना के साथ और इस सैन्य कार्रवाई को इजराइल की सैन्य कार्रवाइयों के साथ की थी। उल्लेखनीय है कि रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच एक बहुत ही गहरा एवं अनूठा रिश्ता है।

भारत इजराइल के सैन्य हार्डवेयर का सबसे बड़ा खरीदार है और इजराइल पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न हथियार प्रणालियों, मिसाइल और मानवरहित हवाई वाहनों की आपूर्ति कर रहा है। सूत्रों के अनुसार श्री रिवलिन के साथ आ रहे प्रतिनिधिमंडल में इजराइल हथियारों का निर्माण करने वाली शीर्ष कंपनियों और रक्षा से जुड़े मामलों के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी भी दौरे पर हैं। राष्ट्रपति रिवलिन के साथ उनकी पत्नी नेचामा रिवलिन भी इस राजकीय यात्रा पर होंगी। इसके अलावा अधिकारियों, शिक्षाविदों और कारोबारी नेताओं का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही वह भारत और शीर्ष के राजनयिक संबंधों को बढ़ावा देने पर प्रमुख बल दिया है। दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बहुत बढ़ गया है।