Insulting the Prophet will not be tolerated
शकील बिन हनीफ को मानने वाले देश के लिये खतराः खुर्शीद
देहरादून के उलेमाओं ने लिये कई अहम फैसले, एक मंच पर आये कई संगठन
मौलाना अब्दुल कदीर को खिराज-ए-अकिदत पेश की गई
देहरादून। Insulting the Prophet will not be tolerated पैगंबर मुहम्मद साहब आखिरी रसूल व नबी है, उनके बाद कोई नया रसूल या नबी दुनिया में नही आएगा, यही तमाम मुसलमानों का अकीदा है, अगर कोई इस अकीदे के बाहर जाकर, किसी व्यक्ति को नबी या रसूल मानता है, तो वह इस्लाम से खारिज माना जाएगा। यह बात रविवार को मदरसा जामीअतुस्सलाम अल इस्लामिया आजाद कॉलोनी में शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जमीअत के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने कही।
उन्होने कहा कि कुछ असमाजिक तत्व बिहार में पैदा होने वाले शकील बिन हनीफ को ईसा मसीह और इमाम मेहदी व नया नबी कह कर प्रचारित कर रहे हैं, जबकि इमाम मेहदी भारत नही मक्का में पैदा होंगे और ईसा अलेहीस्सलाम का जहूर दमिश्क में होगा, वही शकील बिन हनीफ बिहार के दरभंगा में पैदा हुआ है, तो वह कैसे इमाम मेहदी हो सकता है।
इस लिये शकील बिन हनीफ को ईसा मसीह और इमाम मेहदी या नबी कह कर प्रचारित करना पैगंबर मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी है और उनकी शिक्षाओं के खिलाफ है। इस लिये जो व्यक्ति भी इस प्रकार का प्रचार करेगा उसके खिलाफ कानूनी कर्रवाही कराई जाएगी। इस मौके पर शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि अपने इमान की हिफाजत करना हम सब पर लाजिम है, इस प्रकार की साजिश रचने वालों से सावधान रहने की जरूरत है।
खुर्शीद अहमद ने कहा कि शकील बिन हनीफ को मानने वाले देश के लिये खतरा हैं, क्योंकी कुछ दिन पहले ही शकील बिन हनीफ के औरंगाबाद स्थित ठिकाने से असलहा तक बरामद किये गये हैं ओर शकील बिन हनीफ फरार है। इस अवसर पर शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी के उस्ताद मौलाना अब्दुल कदीरखराज-ए-अकिदत पेश की गई।
बैठक में जमीअत के जिला महासचिव मौलाना मासूम क़ासमी, जिला अध्यक्ष मौलाना नसीबुद्दीन क़ासमी, मुफ्ती अयाज़ अहमद, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना एजाज़ क़ासमी, मुफ्ती बुरहान रब्बानी क़ासमी, मास्टर अब्दुल सत्तार, मुफ्ती रागिब क़ासमी, मौलाना सुफियान क़ासमी, मुफ्ती राशिद फलाही, मौलाना अब्दुल वाजिद, कारी अकरम, मुफ्ती ताहिर क़ासमी, मुफ्ती नसीम क़ासमी, मौलाना असअद, कारी एहसान, मौलाना हाशिम उमर, तौसीफ खान, मौलाना एहतेशाम क़ासमी, कारी आरिफ, मौलाना अज़मत क़ासमी, कारी अबुल फ़ज़ल, मौलाना अमानतुल्लाह, कारी रागिब, मुस्लिम सेवा संगठन से नईम कुरैशी, आक़िब कुरैशी, नाजिम अली, इरशाद अली, मोहम्मद मुर्सलीन, कारी सरफराज, मौलाना इम्तियाज, कारी जुबेर अहमद, मोहम्मद शाह नवाज़, मोहम्मद अंसार, मौलाना जुबेर क़ासमी, मौलाना इरफान, मौलाना नौशाद क़ासमी, मोहम्मद सद्दाम, मोहम्मद सलीम जावेद, मौलाना मुस्तकीम, मौलाना अब्दुल कादिर, मौलाना रहमान मजाहिरी, मौलाना नवाब अली मजाहिरी, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना सलमान अख्लाक नदवी, फ़खरुल इस्लाम, कारी सदाकत, मोहम्मद गुलशेर, मोहम्मद सुफियान व मास्टर अब्दुल कादिर आदि मौजूद रहे।
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