नई दिल्ली। शनिवार को भारतीय वायुसेना ने अपना 84वां स्थापना दिवस उत्साह और जोश के साथ मनाया। राजधनी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर वायुसेना का पूरा दमखम दिखाई पड़ा। इस ताकत और हौसले को देख दुश्मन के भी रूह कांप जाए। इस मौके पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों के अलावा मालवाहक विमानों के साथ जवानों ने भी अपना दम-ऽम दिऽाया। आकाश गंगा की टीम ने 2000 पफीट की ऊंचाई से पैराशूट से कार्यक्रम स्थल पर उतर कर की। आकाश गंगा की टीम का नेतृत्व वायुसैनिक गजानन यादव ने की। हवा में अनेक तरह के हवाई करतब दिऽाकर जनता की वाहवाही लूटी। इसके बाद वायु सैनिकों ने सुंदर मार्च पास्ट किया। इस मौके पर निशान टोली की खूबसूरती देखते ही बनती थी। एयर वोरियर रायपफल टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने हवा में करतब दिखाई । हवा में करतब दिखाने वाले विमानों में हरकुलिस सी 13ए, मिग 29, सुखोई , सी 17 ग्लोव मास्टर, जगुआर तथा सारंग थे। दो साल बाद हवाई परेड में शामिल हुआ सारंग ने सबके दिल जीत लिए। वायुसेना के सबसे पुराने विमानों से लेकर दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर एयरक्राफ्रट में से एक सुखोई आसमान में अपनी ताकत का लोहा दिखाई । पहली बार फ्रलाई-पास्ट में स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस भी शिरकत किया गया। फ्रलाई पास्ट में सुखोई और तेजस के अलावा मिराज, जगुआर और मिग लड़ाकू विमान भी आसमान में अपना जौहर दिखाएं । साथ ही दुनिया का सबसे बड़ा और शत्तिफशाली मिलेट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्रट, सी-17 ग्लोबमास्टर और अवाक्स विमान और हेलीकाॅप्टर की ताकत भी देऽने को मिली। सी-130 जे सुपर हरक्युलिस विमान भी हिंडन एयरबेस पर हिस्सा लिया। बता दें कि गुरुवार को राष्ट्रपति ने सी-130 जे विमान के दुनिया की सबसे उंची एयर-स्ट्रिप, दौलत बेग ओल्ड़ी ;डीबीओद्ध पर लैंड करने का पोस्टल-स्टैंप जारी किया था। वर्ष 2013 में सी-130जे सुपरहरक्युलिस एयरक्राफ्रट ने लद्दाऽ के डीबीओ में चीन सीमा के करीब लैंडिग कर एक नया कीर्तिमान बनाया था। गौरतलब है कि चीन सीमा पर किसी भी परिस्थिति में सैनिकों और बड़े हथियारों को चीन सीमा पर पहुंचाने में ये विमान कापफी कारगर है। खास बात यह है कि इस साल वायुसेना दिवस पर हिंडन में विमानों के डिस्पले में ब्रह्मोस मिसाइल पिफटेड सुखोई विमान भी दिखाई दिया। हाल ही में सुखोई विमान में ब्रह्मोस मिसाइल का टेस्ट पफायर किया गया था, जो सफल रहा था। माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक ब्रह्मोस मिसाइल वायुसेना में शामिल हो जाएगी। सुऽोई पफायटर प्लेन में ब्रह्मोस मिसाइल लगने से वायुसेना की ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। दुनिया में अभी तक किसी भी देश के पास इस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का कोई तोड़ नहीं है। पाकिस्तान तो क्या चीन भी इस मिसाइल से डरता है। अगर ये मिसाइल सुखोई में पिफट हो जाती है, तो वायुसेना का सीना गर्व से पफूल जाएगा। यही वजह है कि कुछ दिन पहले वायुसेना प्रमुऽ ने दावा किया था कि अब इंडियन एयरपफोर्स चीन और पाकिस्तान से एक साथ मुकाबला करने के लिए तैयार है।