एचआरडीए का कारनामा : अवैध होटल को कम्पाउंडिंग कर बना दिया गेस्ट हाउस

HRDA compounded the illegal hotel

हरिद्वार। HRDA compounded the illegal hotel जिला हरिद्वार में कई ऐसे अवैध निर्माण के मामले मिलेंगे जिसमें हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) द्वारा केवल 48 घंटे का समय देकर किसी भी अवैध निर्माण को या तो ध्वस्त या फिर सील कर दिया जाता है। लेकिन कुछ ऐसे मामले भी आपको देखने को मिलेगा जिसमें अगर विकास प्राधिकरण की अवैध निर्माण करने वालो पर कृपा रही तो केवल नोटिस देने जैसी प्रक्रिया को अपनाते हुए वह सालो साल मामले को दबा दिया जाता है।

एक ऐसा ही मामला सामने आया है हरिद्वार के भोपतवाला का, जहां विवेक अग्रवाल द्वारा वर्ष 2019 में 4 मंजिला ‘‘होटल रेड कोरल’’ बना दिया गया है। जिसका एचआरडीए द्वारा वाद (वाद संख्या नो/हरि0/545/2019-20) दायर करते हुए पूर्व में सील कर दिया गया था। लेकिन कमाल की बात यह है कि इस होटल के अवैध निर्माण को बिना ध्वस्त किये ही केवल शपथ पत्र लेकर दिनांक 28/12/2022 को कम्पाउंडिंग कर दिया गया है।

HRDA compounded the illegal hotel

हरिद्वार रूड़की विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कारनामा तो देखिए कि जिसका संचालन होटल के रूप में किया जा रहा है, विकास प्राधिकरण के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मिली भगत कर उस होटल को मानचित्र में गेस्ट हाउस दर्शाते हुए कम्पउंडिग के तहत मानचित्र को स्वीकृत कर दिया गया है।

आश्चर्य की बात यह है कि विकास प्राधिकरण द्वारा कम्पउंडिग के तहत मानचीत्र स्वीकृत हो जाने के बाद भी ध्वस्तीकरण का नोटिस भेजा जा रहा है। क्योंकि बताया जा रहा है कि मानचीत्र भले ही स्वीकृत कर दिया गया है लेकिन होटल के संचालक द्वारा लगभग डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी अवैध निर्माण को अब तक ध्वस्त नहीं किया गया है।

HRDA compounded the illegal hotel
मनीष सिंह, सचिव, एचआरडीए

इस मामले में एचआरडीए के सचिव मनीष सिंह का कहना है कि “होटल रेड कोरल को 28/12/2022 को कम्पाउंडिंग कर दिया गया है। आगे की कार्यवाही एचआरडीए के नियमों के तहत की जाएगी।”

  • यदि किसी निर्माण में मामूली अंतर हो तो उसे जुर्माना लेकर कम्पाउंड किया जा सकता है।
  • यदि निर्माण पूरी तरह अवैध हो तो उस पर सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई अनिवार्य है।
  • गेस्ट हाउस के लिए मानचित्र तभी स्वीकृत किया जा सकता है जबः
    • सामने की सड़क कम से कम 15 मीटर चौड़ी हो,
    • भूमि का क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर से अधिक हो,
    • फ्रंट सेटबैक 4 मीटर, बैक सेटबैक 3 मीटर, और साइड सेटबैक 3.5 मीटर छोड़ा गया हो, तथा गेस्ट हाउस अधिकतम 2 मंजिला हो।
    • स्पष्ट है कि होटल रेड कोरल इनमें से किसी भी नियमो पर खरा नहीं उतरता।
  • आखिर एचआरडीए ने किस नियम के तहत इस होटल को गेस्ट हाउस के रूप में मानचित्र स्वीकृत कर दिया है?
  • क्या इसमें प्राधिकरण के अधिकारियों की मिलीभगत और भ्रष्टाचार शामिल है?
  • क्या ऐसे गलत मानचित्रों को स्वीकृत करने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर कार्रवाई होगी?
  • और ऐसे कितने गलत मानचीत्र इनके द्वारा स्वीकृत कर दिये गये होंगे?
  • यह एक बड़ा सवाल है, जिसका जवाब हरिद्वार की जनता और उत्तराखण्ड के जिम्मेदार अधिकारियों को तलाशना होगा।

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