कोरोना काल में लुटेरा बना अस्पताल

Hospital became a robber during the Corona period

Hospital became a robber during the Corona period

सरकार की योजना को लगा रहा पलीता
सरकार का भी नहीं है कोई ख़ौफ

देहरादून। Hospital became a robber during the Corona period शिकायतकर्ता महिला की माने तो रुचि सूरी ने बीते अप्रैल माह में अपने बुजुर्ग माता पिता को देहरादून के ख्याति अरिहंत हॉस्पिटल में भर्ती कराया। दंपत्ति दोनो ही कोरोना पॉजिटिव थे।

इनमे से एक को आई सी यू और एक बुजुर्ग को नॉर्मल वार्ड में भर्ती किया, लेकिन अरिहंत ने उपचार करा रहे दंपती के बेटी से दोनो मरीज को आई सी यू सुविधा देने की बात कहकर 5 लाख 28 के बिल बना दिए। उस बिल में रेमिड शिविर इंजेक्शन को भी नहीं दर्शाया।

जबकि सरकारी गाइडलाइन के अनुसार कोई भी हॉस्पिटल सरकारी मानकों से अधिक रुपए कोविड उपचार के नाम पर नहीं ले सकता है। इतना ही नही कोविड इलाज में होने वाले सारे खर्च सरकार आयुषमान योजना के तहत ।

मरीजों को रुपए दिए जाते हैं। परंतु शिकायतकर्ता रुचि को अरिहंत हॉस्पिटल ने 5 लाख 28 हजार के बिल पर हस्ताक्षर करने को कहा उस बिल के एवज में ढाई लाख रुपए वापस करने की हामी भरी। जिसे रुचि ने लेने से मनाही कर दिया।

साथ ही अरिहंत हॉस्पिटल व स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी हर्ष ने रुपए लेने का दबाब बनाना शुरू कर दिया । बाबजूद भी महिला ने किसी से समझौता नही किया। रुचि अपने साथ हो रहे धोखाधडी की जानकारी श्रमिक मंत्र संवाददाता को दी। जिसे श्रमिक मंत्र ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया।

जिस खबर का हुआ महा असर और शिकायतकर्ता महिला को अरिहंत हॉस्पिटल ने लौटा दिए रुचि से लिए गए पूरी रकम। लेकिन महिला अपने रुपए वापस लेकर भी संतुष्ट नही है।

वह चाहती है कि इस फर्जीवाड़े में संलिप्त अरिहंत की टीम व स्वास्थ्य विभाग के नौडल अधिकारी को सजा मिले। जिससे की आगे भी कोई भी अधिकारी व निजी हॉस्पिटल किसी के साथ इलाज के नाम पर लूट खसूट न करने पाएं।

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