मौलाना कहने पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने किया पलटवार

Harish Rawat retaliated on being called Maulana

Harish Rawat retaliated on being called Maulana

देहरादून। Harish Rawat retaliated on being called Maulana उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में अभी वक्त है, लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने अभी से गड़े मुर्दे उखाड़ने शुरू कर दिए हैं। इन दिनों सोशल मीडिया पर उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत की एक फोटो वायरल हो रही है। इस फोटो में हरीश रावत धर्म विशेष की टोपी लगाए हुए हैं।

हरीश रावत ने अपने अंदाज में पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीएम नरेंद्र मोदी की कुछ फोटो शेयर कर बीजेपी को अपने अंदाज में जवाब दिया और कहा कि जो बीजेपी ने उनके लिए कहा, क्या वे अपने नेताओं के लिए कह पाएंगे।

हरीश रावत ने कहा कि भाजपाई दोस्त उनके कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर रहे हैं। दरगाह में गोल टोपी पहनने से हरीश रावत तो मौलाना हरीश रावत हो गए और घर-घर में आपने वो टोपी वाली मेरी तस्वीर पहुंचा दी दी।

अब जरा मुझे बताइए कि क्या राजनाथ सिंह जी भी मौलाना राजनाथ सिंह हो गए हैं। इसके साथ ही हरीश रावत ने पूर्व पीएम दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी और पीएम मोदी की भी एक फोटो ट्विटर पर पोस्ट की।

हरीश रावत ये दोनों फोटो शेयर करते हुए लिखा कि अटल बिहारी वाजपेई जी की एक पुरानी फोटो है। क्या इनको भी आप मौलाना अटल बिहारी वाजपेई कहना पसंद करेंगे? मोदी जी की भी एक फोटो है, आपके हिंदुत्व के आइकॉन की। क्या इनको भी आप उसी संबोधन से नवाजेंगे जो संबोधन आपने केवल-केवल मेरे लिए रिजर्व करके रखा है।

मैंने कभी भी जुमे की नमाज के लिए छुट्टी का ऐलान नहीं किया : Harish Rawat

हिम्मत है तो मेरे साथ इनको भी उसी नाम से पुकारिये। इसके बाद हरीश रावत ने एक दूसरा ट्वीट किया। इसमें हरीश रावत ने लिखा कि सोशल मीडिया पर उनके बारे में लिखा जा रहा है कि हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में जुमे की नमाज की छुट्टी का ऐलान किया था।

इस पर हरीश रावत ने लिखा कि भाजपा का सफेद झूठ। मैंने कभी भी जुमे की नमाज के लिए छुट्टी का ऐलान नहीं किया और न किसी ने मुझसे जुमे की नमाज के लिए छुट्टी मांगी। हां हरीश रावत ने सूर्य देव के आराधना के पर्व छठ पर छुट्टी दी। हमारी बहनें करवा चैथ का व्रत रखती हैं। मैंने उस पर छुट्टी दी।

हरीश रावत ने कहा कि मैंने दो महापुरुषों की जयंती पर छुट्टी दी। यहां तक कि यदि भाजपाई झूठ न चल पड़ा होता है तो परशुराम जयंती पर भी मैं छुट्टी करने के विषय में अपने सहयोगियों से विमर्श कर रहा था। भाजपा के लोगों काठ की हांडी एक ही बार चढ़ती है, 2017 में तुम्हारा यह झूठ चल गया।

मगर अब के तुम समय पर सामने आ गये हो तो मेरे झूठ का प्रतिवाद भी लोगों तक पहुंचेगा और लोग पढ़े-लिखे हैं। खुद रिकॉर्ड तलाश कर लेंगे, क्या मेरी सरकार ने जुमे की नमाज का जुमा मतलब शुक्रवार की नमाज के लिए छुट्टी का ऐलान किया है?

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