उत्तराखण्ड में पावर, पंजाब से मुक्ति चाहते है हरदा

Harda wants freedom from post of Punjab Congress in-charge

Harda wants freedom from post of Punjab Congress in-charge

आलाकमान फिलवक्त दोनों स्थानों पर रखने का इच्छुक
उत्तराखण्ड में नही दे पा रहे समय, विरोधी हो रहे मजबूत
रावत ने बुधवार को राहुल गांधी से भी की मुलाकात

देहरादून। Harda wants freedom from post of Punjab Congress in-charge उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत पंजाब कांग्रेस प्रभारी के पद से मुक्ति चाहते है, मगर पार्टी आलाकमान फिलवक्त हरदा को पंजाब-उत्तराखण्ड में उलझाए रखना चाहता है।

दोनों प्रदेशों में अगले साल की शुरूआत में ही विधानसभा चुनाव होने है इस लिहास से कांग्रेस हरीश रावत के अनुभव को भुनाना चाहती है। मगर हरीश रावत का दिल उत्तराखण्ड की सियासत में ही अटका हुआ है, वह कई बार पंजाब प्रभारी पद से हटाए जाने की मांग कर चुके है, पहले तो पंजाब में चल रही उठापटक के चलते हरीश रावत को नही हटाया गया, अब वहा सीएम बदले जाने के बाद फिर से रावत उत्तराखण्ड में समय देना चाहते है।

हरीश रावत ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात करने के बाद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है, जिसके कई मायने निकाले जा रहें है। हरीश रावत ने बुधवार को राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने बताया कि वह राहुल गांधी से उत्तराखंड की बात करने गए थे।

राज्य में अगले साल चुनाव होने हैं और वर्तमान में प्राकृतिक आपदा ने उत्तराखंड में तबाही ला दी है। इसी संबंध में वह राहुल गांधी से बात करने गए थे। हरीश रावत ने कहा वह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलेंगे। हरीश रावत के सोशल मीडिया पोस्ट के बाद राहुल गांधी से उनकी मुलाकात के कई मायने निकले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है।

मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं : Harish rawat

हरीश रावत ने राहुल से मुलाकात के दौरान जहा पंजाब प्रभारी पद से मुक्त करने की अपील की है, वही, उत्तराखण्ड में और अधिक पावर दिये जाने का भी अनुरोध किया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए उन्होंने यह बात कही है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि मैं आज एक बड़ी उपापोह से उबर पाया हूं।

एक तरफ जन्मभूमि (उत्तराखंड) के लिए मेरा कर्तव्य है और दूसरी तरफ कर्मभूमि पंजाब के लिए मेरी सेवाएं हैं, स्थितियां जटिलतर होती जा रही हैं, क्योंकि ज्यों-ज्यों चुनाव आएंगे, दोनों जगह व्यक्ति को पूर्ण समय देना पड़ेगा।

कल उत्तराखंड में बेमौसम बारिश ने जो कहर ढाया है, मैं कुछ स्थानों पर जा पाया, लेकिन आंसू पोछने मैं सब जगह जाना चाहता था। मगर कर्तव्य पुकार, मुझसे कुछ और अपेक्षाएं लेकर खड़ी हुई। मैं जन्मभूमि के साथ न्याय करूं, तभी कर्मभूमि के साथ भी न्याय कर पाऊंगा।

मैं पंजाब कांग्रेस और पंजाब के लोगों का बहुत आभारी हूं कि उन्होंने मुझे निरंतर आशीर्वाद और नैतिक समर्थन दिया। संतों, गुरुओं की भूमि, श्री नानक देव जी व गुरु गोबिंद सिंह जी की भूमि से मेरा गहरा भावनात्मक लगाव है।

मैंने निश्चय किया है कि लीडरशिप से प्रार्थना करूं कि अगले कुछ महीने में उत्तराखंड को पूर्ण रूप से समर्पित रह सकूं, इसलिए पंजाब में जो मेरा वर्तमान दायित्व है, उस दायित्व से मुझे अवमुक्त कर दिया जाए। आज्ञा पार्टी नेतृत्व की, विनती हरीश रावत की।

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