Governor inaugurated Valley of Words International Literature
देहरादून। Governor inaugurated Valley of Words International Literature राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को मधुबन होटल में वैली ऑफ वर्ड्स, इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल के 7वें संस्करण का शुभारंभ किया।
इस दौरान राज्यपाल ने ट्रस्टी, नेशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया डॉ. अनिता भटनागर की पुस्तक ‘‘गज्जू चलने लगा’’ और आईएएस दंपति इवा आशीष श्रीवास्तव व डॉ. आशीष श्रीवास्तव की पुस्तक ‘‘एडमिनिस्ट्रेशन इन इंडिया’’ सहित समारोह की स्मारिका का विमोचन किया।
दो दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में देश-विदेश के 100 साहित्यकार प्रतिभाग कर रहे हैं और विभिन्न विषयों पर 36 सत्रों में अपने विचार रखेंगे। इस आयोजन के माध्यम से देश और दुनिया में उत्तराखण्ड की कला एवं संस्कृति को पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
आज देहरादून में वैली ऑफ वर्ड्स, इंटरनेशनल लिटरेचर एंड आर्ट फेस्टिवल के 7वें संस्करण का शुभारंभ किया। इस दौरान कुछ प्रकाशनों सहित फेस्टिवल की स्मारिका का विमोचन भी किया।
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— LT GENERAL GURMIT SINGH (Retd) (@LtGenGurmit) December 16, 2023
फेस्टिवल के शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन, विचारों को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाने में मददगार साबित होंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात देहरादून और उत्तराखण्ड आने वाले समय में साहित्य एवं लेखन का केंद्र बनकर उभरेगा।
पिछले कुछ समय में दून में साहित्य, लेखन, कला एवं संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों के आयोजन में बढ़ोतरी हुई है और देशभर में उत्तराखण्ड ने पहचान बनाई है। यहां अनेक साहित्यकार और कलाविद हुए हैं जिसका लाभ हमें उठाने की जरूरत है।
राज्यपाल ने कहा कि इस फेस्टिवल में युवाओं को उपयोगी चर्चा सत्र और साहित्य उपलब्ध कराना आयोजकों की दूरदर्शिता और रचनात्मकता को दर्शाता है। हमारे बच्चों, युवाओं के लिए साहित्य और कला का रचनात्मक वातावरण तैयार करना सराहनीय पहल है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारा साहित्य हमारी समृद्ध धरोहर है और हमारे राष्ट्र और समाज के चिंतन का प्रतिबिम्ब है। आज के समय में हमारे बच्चों और युवाओं को साहित्य के प्रति सजग और सक्रिय रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा कि साहित्य के माध्यम से हमारी राष्ट्रीय विरासत, इतिहास, धरोहर और राष्ट्रहित का दृष्टिकोण प्रस्तुत किया जाना जरूरी है। राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में विविध क्षेत्रों में भी पुष्पित और पल्लवित होने की अपार संभावनाएं हैं।
आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन, कृषि, जैविक खेती से लेकर विनिर्माण और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे राज्य के अंदर भारत की आर्थिक शक्ति के रूप में उभरने की क्षमता है। हाल ही में सम्पन्न हुए ‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’ के सफल आयोजन के पश्चात हमारा प्रदेश, देश और विदेश के निवेशकों के लिए एक नया डेस्टिनेशन बन रहा है, सभी घटनाक्रम को अंकित किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने साहित्य प्रेमियों से इन सभी विषयों को अंकित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि 2047 में विकसित भारत के लिए जो रोडमैप बनाया गया है, उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी को सक्रिय भागीदारी निभाने की आवश्यकता है।
सबका प्रयास यानि जन भागीदारी, एक ऐसा मंत्र है, जिससे बड़े से बड़े संकल्प सिद्ध होते हैं। सबका प्रयास, से ही विकसित भारत का निर्माण होना है। यह देश का भविष्य लिखने का एक महाअभियान है। उन्होंने कहा की राष्ट्र को विकसित बनाने में युवाओं की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भागीदारी हो सकती है।
आगामी 25 वर्षों में भारत को विकसित देशों की श्रेणी में शामिल करने के लिए युवाओं को आगे आना होगा। राज्यपाल ने आयोजकों को इस फेस्टिवल के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दी और विश्वास जताया कि इस फेस्टिवल के माध्यम से जो चिंतन और मंथन किया जाएगा वह लाभकारी साबित होगा।
शुभारंभ के अवसर पर वैली ऑफ वर्ड्स के निदेशक डॉ. संजीव चोपड़ा ने फेस्टिवल की विस्तृत जानकारी दी। इस कार्यक्रम में वैली ऑफ वर्ड्स की चेयरमेन रश्मि चोपड़ा, राजेन्द्र डोबाल, अनूप नौटियाल सहित फेस्टिवल में आए अनेक लेखक, कवि, चिंतक साहित्यप्रेमी उपस्थित रहे।
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