Government will die only by taking the lives of electricity consumers
- दाम बढ़ाने के बजाए खामियां दूर क्यों नहीं करते
- अपनी नाकामी का ठीकरा जनता पर क्यों फोड़ रहे
- डिस्ट्रीब्यूशन लॉस कम न होने के पीछे है बड़ा खेल
विकासनगर। Government will die only by taking the lives of electricity consumers जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि सरकार ने विद्युत दामों में फिर से वृद्धि कर जनता को लूटने का फरमान जारी कर दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार व अधिकारियों की मिलीभगत जनता का दम निकल कर ही दम लेगी।
नेगी ने कहा कि सरकार/यूपीसीएल की लापरवाही/निकम्मेपन/नाफरमानी की वजह से प्रतिवर्ष विद्युत उपभोक्ताओं को महंगे दामों पर बिजली खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। आलम यह है कि यूपीसीएल पर राजभवन/मुख्यमंत्री/विद्युत नियामक आयोग एवं शासन के आदेशों कोई असर नहीं पड़ रहा है एवं विभाग अपनी मनमानी पर उतारू है।
नेगी ने कहा कि कुछ दिन पहले अधिशासी अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता की विद्युत चोरी मामले में हुई कागजी लड़ाई/बहस इस बात की पुष्टि करती है कि विद्युत चोरी में बहुत बड़ा खेल अधिकारियों की मिलीभगत का है। नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों पर गौर फरमाएं तो वर्ष 2020-21 में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 13.96 फ़ीसदी एवं ए टी एंड सी लॉस 15.25 फ़ीसदी रहा तथा इसी प्रकार क्रमशः वर्ष 2021-22 में 14.15 एवं 15.75 रहा तथा वर्ष 2022-23 में 14.41 एवं 15.49 रहा।
इसके अलावा बाहर से लगभग1000 करोड रुपए से अधिक मूल्य की बिजली खरीदना एवं लगभग इतने ही मूल्य का लाइन लॉस उपभोक्ताओं पर कहर बनकर टूट रहा हैद्य इसके साथ-साथ फिक्स्ड चार्जेस भी लोगों की जान पर बन आया हैद्य अधिकांश क्षेत्रों में डिस्ट्रीब्यूशन लॉस 25 से 40 फ़ीसदी है, बावजूद इसके विभाग को कोई चिंता नहीं है। विद्युत मूल्य वृद्धि के मामले में मोर्चा सरकार को चौन से नहीं बैठने देगा। पत्रकार वार्ता में विजयराम शर्मा व अशोक चंडोक मौजूद थे।
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