स्कूल में बच्चों के संक्रमित होने पर सरकार होगी जिम्मेदारी : NAPSR

Government will be responsible if children are infected

Government will be responsible if children are infected

देहरादून। Government will be responsible if children are infected उत्तराखंड सरकार की और से स्कूलों को खोले जाने को लेकर नैशनल एसोसिएशन फॉर पैरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स ( NAPSR) के नेहरु कोलोनी स्थित राष्ट्रीय कार्यालय मे बैठक आहूत की गई। जिसमे कोरोना के बढ़ते संक्रमण व बच्चों की शिक्षा के साथ ही उनकी सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित नजर आए।

एनएपीएस आर ने पहले  ही  आपत्ति जाहिर करते हुए मानवाधिकार का दरवाजा खटखटाते हुए अपील की थी कि उत्तराखंड मे न दोहराएं आंध्र प्रदेश की घटना।

अपील मे यह भी कहा गया है कि जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने लॉक डाउन 05 के चलते स्कूलों को खोले जाने का निर्णय राज्य सरकारों पर छोड़ा है और उत्तराखंड सरकार ने अभिभावकों व स्कूल संचालकों की सहमति से स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया है वह सरकार की ओर से लिया गया एक सरहानीय कदम है किन्तु 10वीं और 12वीं की कक्षाओं को खोलने का निर्णय भी अभी ठीक नही है।

वहीं एसोसिएशन के अध्यक्ष आरिफ खान का कहना है कि जिस प्रकार से सरकार ने निजी स्कूलों की जिद और अपने राजनीतिक प्रभाव के चलते स्कूल खोले हैं और रानीखेत मे पहले ही दिन 12वीं के छात्र का संक्रमित पाया जाना और स्कूल को पुनः तीन दिन के लिए बन्द किया जाना इस बात को चेताता है कि खतरा अभी टला नही है|

इस प्रकार के बच्चे से यदि और बच्चे भी संक्रमित होते हैं तो उसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी किसकी होगी। क्योंकि स्कूल अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं और अभिभावकों के लाख मना करने के बावजूद भी सरकार ने स्कूलों को खोलने का जो निर्णय लिया है तो उसके लिए छात्रों के संक्रमित होने पर जवाबदेही भी सरकार की होगी।

बच्चा संक्रमित हुआ तो एसोसिएशन स्कूलों मे तालाबंदी को बाध्य होगी

एनएपीएसआर ( NAPSR ) ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि यदि स्कूलों मे कोई भी बच्चा संक्रमित हुआ तो एसोसिएशन स्कूलों मे तालाबंदी को बाध्य होगी और अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर आकर भी आंदोलन करने से गुरेज नही करेगी। 

स्कूल निजी स्कूल संचालकों ने अभिभवाकों और सरकार के सामने स्कूल खोलने को लेकर अपनी 05 शर्तें रखी हैं उनसे अभिभावक सकते मे है और कोरोना के प्रकोप को देखते हुए अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का निर्णय कर चुके हैं।

क्योंकि स्कूल संचालकों ने अभिभावकों से यह  लिखित पत्र मांग कर कि यदि स्कूल खुलने पर किसी बच्चे को कुछ हो गया तो उसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अभिभावक की होगी स्कूल प्रबंधक, प्रिंसिपल,टीचर्स व स्टाफ पर किसी प्रकार का मुकदमा दर्ज नही होगा यह दर्शाता है कि स्कूल हमारे बच्चों की सुरक्षा को लेकर किसी भी प्रकार से कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नही है जिसके कारण हम अभिभावक अपने बच्चे स्कूल भेजकर उनकी जान और भविष्य से खिलवाड़ नही कर सकते।

हम एसोसिएशन के माध्यम से सरकार को बताना चाहते हैं कि हमारे बच्चे टेस्टिंग या एक्सपेरिमेंट किट नही हैं जो स्कूल खोलकर उनपर एक्सपेरिमेंट किया जा रहा है यदि फिर स्कूल मे संक्रमण का कोई मामला आया तो उसके लिए सिर्फ और सिर्फ सरकार जिम्मेदार होगी ।

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