जाने कौन सी मिट्टी किस फसल के लिए उपजाऊ होती है Fertile Soil
इंसान की कहानी मिट्टी से शुरू होती है मिट्टी ( Soil ) पर खत्म होती है। इंसान मिट्टी से ही बनता है और मिट्टी में ही विलीन हो जाता है। किसान फसलें भी मिट्टी के हिसाब से उगाते हैं। तो चलिए जानते हैं भारत में मिट्टी कितने प्रकार की होती है? देश में जलोढ़ मिट्टी, लैटेराइट मिट्टी, शुष्क मिट्टी, पर्वतीय मिट्टी, काली मिट्टी जलोढ़ मिट्टी नदियों के द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों से बहा कर लाई गई मिट्टी होती है।
यह मिट्टी हिमालय पर्वत से निकलने वाली तीन बड़ी नदियों सतलुज, गंगा और ब्रम्हपुत्र नदियों द्वारा भरकर लाई गई अवसाद से बनती है। यह डेल्टाई प्रदेश में अधिक पाई जाती है। लेटराइट मिट्टी यह भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है। इसमें चुना फास्फोरस, पोटाश कम मात्रा में पाया जाता है। इस मिट्टी में नमी कम होती है। इस मिट्टी से गन्ना, काजू , चाय , कहवा, रबड़ फसलें उगाई जाती हैं। यह कम उपजाऊ होती है ।
यह मिट्टी उड़ीसा आंध्र प्रदेश, असम, मेघालय, केरल, महाराष्ट्र में पाई जाती है। वर्षा होने पर यह सूख जाती है। शुष्क मिट्टी सबसे अधिक राजस्थान में पाई जाती है। इस मिट्टी में नमी नहीं होती है, इसमें बेर, नागफनी जैसे पौधे स्वयं उग जाते हैं। पर्वतीय मिट्टी पर्वतीय क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है।
नैनीताल, शिमला, मसूरी आदि जगहों पर यह पाई जाती है। इस मिट्टी में चीड़ के पेड़ अधिक उगते हैं। काली मिट्टी ज्वालामुखी के लावे के जमने से बनती है, इसलिए इसका रंग काला होता है। इस मिट्टी में अधिक नमी होती है। इसमें मैग्नेशियम , चूना, एलुमिनियम की मात्रा अधिक होती है। यह मिट्टी महाराष्ट्र, सौराष्ट्र ,मालवा तथा दक्षिणी मध्यप्रदेश के पठारी भागों में अधिक पाई जाती है।