फर्जी नियुक्ति प्रकरण : खुलेआम घूम रहे है मुख्य आरोपी

Fake appointment case AIIMS
Fake appointment case AIIMS

देहरादून। Fake appointment case AIIMS अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में नौकरी के नाम पर हुए फर्जीवाडे में गिरोह के सरगना सहित तीन आरोपी ढाई महीने से खुले आसमान के नीचे घूम रहे है। जबकि इस मामले में पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।

लोकसभा चुनाव होने के कारण पुलिस की जांच ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है। बीते 19 जनवरी को एम्स ऋषिकेश में 14 युवक युवतियां फर्जी नियुक्तिपत्र लेकर नौकरी ज्वाइन करने पहुंचे थे। उन्होंने एम्स के पीआरओ को नियुक्तिपत्र दिखाकर नौकरी ज्वाइन कराने की बात की। पीआरओ हरीश थपलियाल ने दस्तावेज की पड़ताल की तो नियुक्तिपत्र फर्जी निकले।

पुलिस ने पड़ताल की तो एक काले रंग के बैग में 16 लोगों के फर्जी नियुक्तिपत्र मिले थे। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की तो ठीक एक सप्ताह बाद 27 जनवरी को आठ लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें दीपक गोवरी, सागर पांडेय, चिराग गर्ग, विक्रम सिंह बिष्ट, अब्दुल कादिर, अजय रावत, अमित भारती, अभिषेक आदि शामिल थे।

कई छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज बरामद 

पुलिस ने इनके कब्जे से 12 मोबाइल फोन, लेपटॉप, कई छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज, करीब डेढ़ लाख की नकदी, एटीएम कार्ड, एम्स निदेशक के फर्जी हस्ताक्षर युक्त नियुक्तिपत्र सहित एक वीआईपी नंबर की कार बरामद की थी।

पुलिस के अनुसार गिरोह की पुष्पा शाह निवासी रामपुर रोड भदोहीवाला निकट चूना भट्टा रायपुर देहरादून गिरोह की मुखिया है जबकि उसके साथी प्रशांत शर्मा निवासी विद्या विहार कोतवाली पटेल नगर देहरादून और दीपक तोमर निवासी रेसकोर्स देहरादून पकड़ में नहीं आ पाए हैं। ढाई माह से ऊपर का समय बीत जाने के बावजूद पुलिस मुखिया सहित तीन आरोपियों का सुराग तक नहीं लगा पाई है।

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