मृत सागर को अंग्रेजी भाषा में ‘डेड शी’ कहा जाता है और यह दुनिया की सबसे बड़ी नमकीन झील है- यह पृथ्वी पर समुद्र स्तर से ऊपर सबसे निचला स्थान है, जो 420 मीटर (1378 फीट) नीचे स्थित है। अलबत्ता यह मृत सागर को लेकर बेहद आम जानकारी जिनसे हर कोई परिचित है- लेकिन हम मृत सागर से संबंधित जो जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं इससे लोगों की एक विशाल जनसंख्या अनभिज्ञ है। जैसे कि क्या आप जानते हैं कि मृत सागर को ‘मृत’ क्यों कहते हैं? या फिर इसमें इतना अधिक नमक क्यों है? ऐसे ही कई सवाल हमारे आज के इस लेख में मौजूद हैं।
मृत सागर को ‘मृत’ क्यों कहते हैं?
मृत सागर को ‘मृत’ इसलिए कहा जाता है कि बहुत ज्यादा नमक की वजह से इसमें किसी भी प्राणी के जीवित रहना असंभव है। हालांकि छोटे जीवों के कीटाणुओं जरूर इसकी तह में पाए जाते हैं।
यह समुद्र नहीं है
मृत सागर को यूं तो समुद्र कहा जाता है लेकिन तकनीकी रूप से यह एक खारे पानी की एक झील है जिसमें जोर्डन नदी का पानी भी आकर गिरता है।
कई गुना अधिक नमक
मृत सागर में अन्य समुद्र की तुलना में 9.6 गुना अधिक नमक होता है- यहां तक कि मृत सागर में शामिल होने वाला जॉर्डन नदी का मीठा पानी भी उस पर कोई प्रभाव नहीं करता।
मृत सागर इतना खारा क्यों?
क्या आप जानते हैं कि मृत सागर इतना खारा क्यों है? उसका छोटा सा जवाब यह है कि ‘वर्षा जल’। वर्षा जल एसिड होता है और गुजरते समय के साथ यह चट्टानों को तोड़ देता है और यह अधिक एसिड जाता है क्योंकि इसमें सोडियम और क्लोराइड शामिल हो जाते हैं और उसे नमक भी कहा जाता है।
अद्वितीय मौसम
मृत सागर के आसपास की भूमि बंजर और रेगिस्तान है। यहाँ लगभग 330 दिन अत्यधिक धूप रहती हे, यहाँ हवा में नमी का स्तर बहुत कम है जबकि बारिश भी बहुत कम होती है। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि आप यहाँ जितनी देर भी धूप में रहते हैं सूरज की किरणें आपकी त्वचा को प्रभावित नहीं करेगी।
नमक की मोटी परत डूबने नहीं देती
अगर स्विमिंग उत्सुक नहीं हैं या आप तैराकी नहीं आती तो मृत सागर आपके लिए अच्छा है। नमक की वजह से इस समुद्र का पानी भारी है और यह व्यक्ति को डूबने नहीं देता और वह सिर्फ पानी के ऊपर तैरता रहता है।
अतिरिक्त ऑक्सीजन
मृत सागर के अद्वितीय जलवायु एक सुविधा यह भी है कि यहां आप अतिरिक्त आॅक्सीजन वाली है जिसकी वजह से आप खुद को ताजा और शांत महसूस करते हैं।