Election Commission tough on arbitrary transfer
देहरादून। Election Commission tough on arbitrary transfer विधानसभा चुनाव-2022 की आदर्श आचार संहिता लगने से ठीक पहले विभिन्न विभागों में किए गए मनमाने ट्रांसफर पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने मुख्य सचिव से रिपोर्ट मांगी है। इस कारण मनमाने ट्रांसफर करने वाले अधिकारियों पर शिकंजा कस सकता है।
उत्तराखंड अधिकारी कर्मचारी शिक्षक समन्वय समिति ने पिछले दिनों मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को ज्ञापन सौंपकर आरोप लगाया था। कहा था कि प्रदेश में निर्वाचन आयोग के आदेशों की आड़ में विभिन्न विभागों में मनमाने ट्रांसफर किए जा रहे हैं। जबकि प्रदेश में तबादला सत्र शून्य है।
इस कारण स्थानांतरण एक्ट की धारा 27 का उल्लंघन हुआ है, जिससे कर्मचारियों में व्यापक रोष है। इस पत्र का संज्ञान लेते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मुख्य सचिव को शिकायत पर कार्यवाही करते हुए रिपोर्ट देने को कहा है। इस घटनाक्रम के बाद मनमाने ट्रांसफर करने वाले अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पास इस समय आचार संहिता उल्लंघन की सौ से अधिक शिकायतें आ चुकी हैं। इसमें ज्यादातर ट्रांसफर से संबंधित ही हैं। कुछ मामलों में विभिन्न शिक्षण संस्थानों, आयोगों और स्वायत्त संस्थाओं में नियुक्तियां किए जाने का भी आरोप है।
सीईओ कार्यालय इन शिकायतों पर संबंधित विभागों से जवाब तलब कर रहा है। आयोग के पास कुछ शिकायतें गुमनाम भी आ रही हैं। सीईओ कार्यालय के पास बिपन त्रिपाठी कुमांउ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वाराहाट के रजिस्ट्रार पद पर प्रो. कुंवर सिंह बैसला की नियुक्ति की शिकायत भी पहुंची है।
शाहगंज आगरा निवासी सुधीर कुमार ने आरोप लगाया है कि आचार संहिता के दौरान बैकडेट से प्रो. बैसला को नियुक्ति दी गई। जबकि उन पर पूर्व में भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं। आयोग ने इस प्रकरण में भी सचिव तकनीकी शिक्षा से जवाब मांगा है।
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