डिजिटल भुगतान के तहत अब तक इतने लाख लोगों ने जीते ईनाम

नई दिल्ली,। डिजिटल भगुतान को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग की दो पहलों -लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्यापार योजना को शुरु हुए 58 दिन हो चुके हैं। इस दौरान डिजिटल भुगतान अपनाने के लिए अबतक लगभग 10 लाऽ नागरिकों को 153-5 करोड़ रुपये बतौर पुरस्कार के तौर पर दिए जा चुके हैं। दिल्ली में एक प्रेसवार्ता में नीति आयोग के सीईओ अभिताभकांत ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के 20 फरवरी तक के आकड़ों के अनुसार 9-2 लाऽ ग्राहकों और 56 हजार व्यापारियों को अभी तक इन योजनाओं के लिए विजेताओं के तौर पर चुना गया है। इसके अलावा 120 उपभोक्ताओं ने एक-एक लाऽ रुपये के इनाम जीते हैं।

अमिताभ कांत ने कहा कि डिजिटल पेमेंट को प्रोत्साहन देने के लिए जल्द ही कैशबैक स्कीम लाने की योजना है। 25 दिसम्बर से सरकार डिजिटल पेमेंट करने वाले चुनिंदा लोगों को दैनिक, साप्ताहिक और मेगा कैश रिवार्ड दे रही है। सरकार अब तक उपभोक्ताओं और कारोबारियों को 340 करोड़ के पुरस्कार दे चुकी है। इस दौरान उन्होंने विजेताओं के अनुभवों से मीडिया को परिचय कराते हुए कहा कि दिल्ली के एक 22 वर्षीय ड्राइवर सबीर ने ग्राहकों के लिए लक्की ग्राहक योजना के अंतर्गत 1 लाऽ रुपये जीते हैं। डिजिटल भुगतान उनके लिए परोक्ष रूप से एक वरदान बनकर आया है क्योंकि उनके पिता के निधन के पश्चात उनके लिए बैंक की लाइनों में ऽड़े होने का वक्त ही नहीं था और उन्हें अपनी माता और शारीरिक रूप से विकलांग बहन की देऽभाल भी करनी होती थी। उन्होंने कहा कि हरियाणा के हिसार से एक गेहूं उत्पादक 29 वर्षीय किसान भीमसिंह ने बताया कि वह अब थोक विक्रेताओं से माल की ऽरीद के लिए डिजिटल भुगतान का इस्घ्तेमाल करते हैं। तमिलनाडु में कोयम्बतूर की 29 वर्षीय इंजीनियरिंग की छात्र एवं छह वर्ष के बच्चे की माता सुश्री जयन्ती भी इस योजना के अंतर्गत 1 लाऽ रुपये के पुरस्कार की विजेता हैं।

दुकानदारों में राजस्थान के अलवर से परचून के दुकान के मालिक 42 वर्षीय दामोदर प्रसाद खंडेलवाल ने डिजिधन व्यापार योजना के अंतर्गत 50 हजार रुपये जीते हैं। पुरस्कार आंकड़ों के विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रें के साथ विजेताओं का भौगोलिक दायरा भी काफी विस्तृत रहा। दिलचस्घ्प है कि डिजिटल भुगतान के इस्तेमाल का लाभ भारत के हर कोने तक पहुंच गया और विजेताओं में लगभग हर राज्य के लोग दिखे। उल्लेऽनीय है कि नीति आयोग 25 दिसंबर 2016 से भारत भर में 110 शहरों में डिजिधन मेलों का आयोजन कर रहा है और यह क्रम बीआर अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल 2017 तक प्रतिदिन चलेगा। कांत ने लकी ग्राहक योजना और डिजिधन व्घ्यापार योजना की घोषणा करते हुए कहा था कि यह योजना 50 रुपये से 3,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल ट्रांजैक्शन को कवर करेगी। देशभर में डिजिटल भुगतान आंदोलन को बहुसंख्यक लोगों तक पहुंचाने के लिए अब तक 59 डिजिधन मेलों का आयोजन किया जा चुका है।

नीति आयोग की दो योजनाएं हैं- लकी ग्राहक योजना (एलजीवाई) और डिजि-धन व्यापार योजना (डीवीवाई)। इन योजनाओं का उद्देशय डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ग्राहकों और व्यापारियों दोनों को प्रोत्साहित करना है। इनके तहत कुल 1-5 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि के लिए रोजाना 15,000 विजेताओं की घोषणा की जाती है। इसके अलावा हर सप्ताह कुल करीब 8-3 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि के लिए 14,000 से अधिक साप्ताहिक विजेता घोषित किए जाते हैं। रुपे कार्ड, भीम व यूपीआई (भारत इंटरफेस फॉर मनी/यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस), यूएसएसडी आधारित ’99रु सेवा और आधार सक्षम भुगतान सेवा (एईपीएस) का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ता और व्यापारी दैनिक एवं साप्ताहिक लकी ड्रॉ पुरस्कार जीतने लेने के लिए पात्र हैं।