उत्तराखंड के विकास के लिए किया मंथन

Discussed for development of Uttarakhand
मंथन कार्यक्रम में दौरान सीएम व मंत्री।

Discussed for development of Uttarakhand

देहरादून। Discussed for development of Uttarakhand मुख्यमंत्री आवास में मंथन कार्यक्रम आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत (CM Trivendra singh rawat) की पहल पर आयोजित मंथन में मंत्रियों और विधायकों ने गहन विचार विमर्श किया।

मंत्रियों ने अपने विभागों की तीन वर्ष की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए साथ ही भावी कार्ययोजना भी विधायकों के समक्ष रखीं। विधायकों ने अपने क्षेत्र की आवश्यकताओं से अवगत कराने के साथ ही सुझाव भी दिए।

सीएम आवास स्थित सभागार में आयोजित मंथन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश सरकार की तीन वर्ष की अवधि में किये गये कार्यों का उल्लेख करते हुए विकास की भावी रणनीति पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि मंथन कार्यक्रम की पूर्व संध्या पर मंत्रिगणों एवं विधायक गणों से हुए विचार विमर्श में राज्य के समग्र विकास की दिशा तय करने को सम्बन्धित महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं। इस मंथन से प्राप्त होने वाला अमृत, प्रदेश को नई दिशा देने में मददगार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा इन तीन वर्षों में हम क्या कर पाये इसका आकलन करने को मिला है। तीन वर्ष की अवधि में राज्य हित में की गई 57 प्रतिशत घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। अन्य घोषणाओं पर कार्यवाही गतिमान है।

घोषणा पत्र के इतर भी कई कार्य जनहित में किये जा रहे

सीएम घोषणाओं का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। हम घोषणा पत्र के अनुपालन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। घोषणा पत्र के इतर भी कई कार्य जनहित में किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर हमने तीन कार्यक्रमों के आयोजन का लक्ष्य रखा है। इसमें रिवर्स पलायन की दिशा में पहल करने वाले युवाओं एवं आवा अपणा घर आवा के सन्देश का आधार तैयार करने वालो का सम्मेलन आयोजित किया जायेगा।

इसके अतिरिक्त रामनगर मे एडवेंचर समिट का आयोजन किया जायेगा। टिहरी झील को देश व दुनिया में पहचान दिलाने तथा एडवेंचर टूरिज्म का प्रमुख केन्द्र बनाने के लिये टिहरी लेक महोत्सव को बड़ी भव्यता के साथ आयोजित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उधमसिंह नगर के बोर जलाशय, पिथौरागढ़ के मोस्टमानु में टयूलिप गार्डन के साथ ही विभिन्न स्थलों पर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिये धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।

सीएम त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश की आर्थिक दशा में सुधार के लिये भी प्रभावी कदम उठाये गये हैं। 15वें वित्त आयोग ने राज्य को 14वें वित्त आयोग के स्तर पर हुए नुकसान की भरपाई करते हुए पांच हजार करोड़ रूपए सालाना धनराशि की संस्तुति की है।

आगामी वर्षों में 30 हजार करोड़ का लाभ होगा

इसमें राज्य को आगामी वर्षों में 30 हजार करोड़ का लाभ होगा। आपदा मद में राज्य को अब 200 करोड़ रूपए के स्थान पर 1041 करोड रूपए़ की धनराशि उपलब्ध होगी। राज्य को केन्द्रीय करों की मद से दी जाने वाली धनराशि में भी बढ़ोतरी की गई है।

यही नहीं उत्तर प्रदेश सरकार से वर्षों से लम्बित पेंशन की धनराशि राज्य को दिये जाने का रास्ता साफ हो गया। मंथन कार्यक्रम में मंत्रिगणों ने तीन वर्ष के कार्यकाल व भविष्य की कार्ययोजना के आधार पर प्रस्तुतिकरण दिया।

बताया गया कि सभी सेक्टर्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु नीति आयोग द्वारा जारी ‘‘भारतीय नवाचार सूचकांक 2019’’ में पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों की श्रेणी में उत्तराखण्ड राज्य को सर्वश्रेष्ठ तीन राज्यों में शामिल किया गया।

प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2018-19 में 1,98,738 रूपए रही जोकि देश की औसत प्रति व्यक्ति आय से अधिक है। अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत प्रत्येक परिवार को पाँच लाख का मुफ्त इलाज सरकारी एवं गैर सरकारी चिकित्सालयों में अनुमन्य करने वाले देश का प्रथम राज्य है।

वर्तमान तक इस योजना के अन्तर्गत 37 लाख 98 हजार लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराए जा चुके हैं। गत तीन वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा माह जनवरी तक 2027.34 किमी. मार्गों का नवनिर्माण, 2374.20 किमी. लम्बाई में पुनः निर्माण व 205 न. सेतुओं का निर्माण करते हुए 353 ग्रामां को संयोजकता प्रदान की गयी।

हर घर को नल से जल/कनेक्शन की योजना प्रारम्भ की गई

जल जीवन मिशन के अन्तर्गत प्रदेश में 15 लाख से अधिक परिवारों को हर घर को नल से जल/कनेक्शन की योजना प्रारम्भ की गई है। लम्बे समय से लम्बित जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना की पर्यावरण स्वीकृति उपरान्त धनराशि भी स्वीकृत की गई है।

देहरादून शहर एवं उसके उपनगरीय क्षेत्रों की वर्ष 2053 तक अनुमानित आबादी हेतु पेयजल सुनिश्चितता हेतु रू0 1290 करोड़ की सौंग बांध पेयजल परियोजना की कार्यवाही गतिमान है। 

महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के 05 लाख रूपए तक का ऋण का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के अन्तर्गत बीस हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से ढाई लाख बच्चों को निःशुल्क दूध की व्यवस्था की गई है।

13 डिस्ट्रिक्ट-13 न्यू पर्यटक डेस्टिनेशन चिन्हित कर पर्यटक स्थल विकसित किए जा रहे हैं। आई.डी.पी.एल. ऋषिकेश में वेलनेस सिटी एवं कन्वेंशन सेंटर बनाया जा रहा है। प्रदेश के मूलध्स्थायी निवासियों हेतु होम स्टे योजना प्रारम्भ की गई है।

कद्दूखाल – सुरकण्डा देवी रोपवे निर्माण कार्य गतिमान है। ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी, रोपवे निर्माण कार्य प्रारम्भ।

400 करोड़ का कार्य गतिमान

आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय रू. 6000 से बढ़ाकर रू. 7500, आंगनबाड़ी सहायिका का मानदेय रू. 3000 से बढ़ाकर रू. 3750, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्री का मानदेय रू. 3500 से बढ़ाकर रू. 4750 किया गया एवं होमगार्डस का मानदेय रू. 13950 से बढ़ाकर रू. 18600 प्रतिमाह किया गया।

चारधाम यात्रा की महत्ता के दृष्टिगत 889 किमी लम्बी ऑल वेदर रोड़ का रू0 11700 करोड़ का कार्य युद्धस्तर पर गतिमान। हरिद्वार में भूमिगत केबलिंग हेतु केन्द्र सरकार से रू0 400 करोड़ का कार्य गतिमान।

प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के अन्तर्गत 63908 महिलाओं को रू0 5000 की धनराशि डी.बी.टी. के माध्यम से उपलब्ध कराई गई है। अल्पसंख्यक कल्याण हेतु प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत रू0 1324 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ0 हरक सिंह रावत, मदन कौशिक, यशपाल आर्य, सुबोध उनियाल, अरविन्द पाण्डेय, राज्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत, रेखा आर्या सहित विधायकगण, मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह सहित अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं शासन के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

जरा इसे भी पढ़ें

युवक ने फांसी लगाकर दे दी जान
कैबिनेट की बैठक में 10 प्रस्तावों पर लगी मुहर
मुख्यमंत्री ने किया आपदा पर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल का निरीक्षण