पटना। वर्ष 2016 के इंटर के रिजल्ट में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद पूरे तंत्र को दुरुस्त करने में जुटी बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जांच पड़ताल के दौरान गड़बड़ी पाए जाने पर राज्य के 20 जिलों के 68 इंटर काॅलेजों की मान्यता रद कर दी है। इसके अतिरिक्त 19 काॅलेजों की मान्यता निलंबित करते हुए उनसे कारण पृच्छा की गई है। जवाब संतोषजनक न मिला तो इनकी मान्यता भी रद की जाएगी। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के सूत्रों ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बुधवार को इन कालेजों की मान्यता रद करने संबंधी आदेश जारी कर दिए। इन काॅलेजों को पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद के कार्यकाल में मान्यता दी गई थी। इसमें नियमों की खुलेआम अवहेलना हुई थी। लालकेश्वर प्रसाद अभी जेल में बंद हैं। इन काॅलेजों को मान्यता देने में गड़बड़ी का मामला सामने आने पर इन्हें नोटिस देकर उनका पक्ष मांगा गया था। कई काॅलेजों ने जवाब देने में ही रुचि नहीं ली तो कई काॅलेजों का जवाब संतोषजनक नहीं मिला। यह काॅलेजों की मान्यता निलंबित और निरस्त किए जाने की चैथी कार्रवाई है। इससे पूर्व तीन मौकों पर बिहार बोर्ड कई काॅलेजों की मान्यता निरस्त बिहार बोर्ड के सूत्रों ने बताया कि जिन कालेजों की मान्यता रद की गई है उनमें पटना, नालंदा, रोहतास, कैमूर, बक्सर, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, मुजफ्पफरपुर, सिवान, गोपालगंज, लखीसराय, खगड़िया, जमुई, समस्तीपुर, सहरसा, भागलपुर, बांका और पूर्णिया के इंटर कालेज शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद इस मामले की जांच एसआइटी के हवाले कर दी गई थी और बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव सहित करीब दो दर्जन लोग इस मामले में जेल में हैं। एसआइटी न फर्जी टाॅपरों और उनके अभिभावकों पर भी मुकदमा किया है। फर्जी टाॅपरों के रिजल्ट रद कर दिए गए हैं। वैशाली के बच्चा राय काॅलेज सहित कई संस्थानों के परिणाम भी रोक दिए गए हैं।